लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से राहुल गांधी और अखिलेश यादव का मंच सजने वाला वाला है। ये जोड़ी सात साला बाद एक बार फिर से मंच पर आने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कांग्रेस ने सपा को रैलियों, स्थानों और तारीखों का प्रस्ताव भेजा है। सपा नेतृत्व तारीखों का अपने कार्यक्रम के मुताबिक आकलन करके हरी झंडी देगा। इसके बाद दोनों पार्टियों के नेता एक साथ रैलियां कर सकते हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने चुनावी मैदान में काफी सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि, चुनावी मैदान में ये गठजोड़ कोई खास सफलता हासिल नहीं कर सका था। इस बार दोनों नेता इंडिया गठबंधन को जीत दिलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि यूपी में कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। यहां कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आई हैं। हालांकि कांग्रेस चाहती है कि दोनों दलों के प्रभावी उम्मीदवार संयुक्त रूप से रैलियां आयोजित करें। बीते दिनों कांग्रेस ने हर लोकसभा सीट पर घोषित उम्मीदवार से रैलियों के संबंध में बातचीत की थी। इसके बाद कांग्रेस ने प्रस्तावित खाका तैयार करके सपा को भेजा है। इस संबंध में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। उम्मीद जताई जा रही है कि पहले चरण के मतदान से पहले I.N.D.I.A. की पहली संयुक्त रैली हो सकती है।
कांग्रेस खेमे के उम्मीदवार चाहते हैं कि राहुल गांधी उनके क्षेत्र में आएं और रैली करें। इसके बाद प्रियंका गांधी और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की भी उम्मीदवारों ने की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद दीपेंद्र हुड्डा के लिए भी वेस्ट की सीटों से मांग आई है। इन नेताओं के साथ अखिलेश के मंच साझा करने की योजना तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि कुछ जिलों में राहुल-अखिलेश तो कुछ स्थानों पर प्रियंका-अखिलेश की संयुक्त रैली हो सकती है।
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