प्रयागराज। अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों को ठिकाने लगाने के लिए आठ हजार महीने कमाने वाले जिस सफाईकर्मी के नाम का इस्तेमाल किया गया, वह आठ करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला। पुलिस को इस बात के सबूत मिले हैं कि नैनी, फूलपुर और कंडिया तहसीलों की उसके नाम पर बेशकीमती जमीनें हैं। पुलिस को फिलहाल, पांच जमीनों के बारे में पता चला है। अब वह इसकी तलाश में जुट गई है।
एक दिन पहले ही नवाबगंज के करौली निवासी सफाईकर्मी श्यामजी सरोज का नाम तब सुर्खियों में आया था, जब उसने माफिया भाइयों के चार करीबी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। उसने आरोप लगाया है इन चारों ने अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया। उन लोगों ने उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत उससे करवाए। अतीक-अशरफ की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी बनाया गया। जब पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
बताया जा रहा है कि उक्त सफाई कर्मी के नाम पर फिलहाल, पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली। इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया और दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं। इनकी मौजूदा कीमत आठ करोड़ आंकी गई है। हैरान करने वाली बात ये है कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब वह महज आठ हजार महीने कमाता था। मामले में उसने अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स को नामजद कराया है।
दीपक भूकर, डीसीपी नगर का कहना है कि पुलिस को जिन संपत्तियों के बारे में पता चला है, अब उनके बारे में और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। राजस्व प्रशासन के सहयोग से इन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी कराया जाएगा।
पुलिस की पूछताछ में सफाईकर्मी श्याम जी सरोज ने बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवा रखा था। उन लोगों ने चेकबुक, एटीएम व पासबुक अपने कब्जे में रखे थे। साथ ही ब्लैंक चेक पर जबरन दस्तखत करा लिए थे। वे समय-समय पर उसके नाम एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते रहते थे, ताकि अगर वह इधर-उधर भागने की कोशिश करे तो उसे कानूनी शिकंजे में फंसाया जा सके।
ये है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि श्याम जी सरोज 15 साल से आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था। आरोप है कि इन लोगों ने अतीक अहमद व अशरफ के लिए डरा-धमका कर उसके नाम पर जनपद में कई स्थानों पर जमीनों की रजिस्ट्री कराई थी। इस दौरान उसे कई दिनों तक होटल में बंधक बनाकर रखा गया।
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