यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट पर संशय बरकरार है। बीजेपी की 10वीं लिस्ट भी जारी हो गई लेकिन इस सीट से किसी के नाम का ऐलान नहीं किया गया। ऐसे में यहां की राजनीति काफी दिलचस्प हो गई है। बीजेपी प्रत्याशी के इंतजार में अन्य दलों ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं। दरअसल हर दल को बीजेपी का इंतजार है। ऐसे में पहले आप-पहले आप के फेर में कैसर गंज सीट इस समय चुनावी पहेली बनी हुई है।
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कैसरगंज सीट को लेकर भाजपा के साथ अन्य दलों ने भी साध ली चुप्पी, बढ़ी दिग्गजों की धड़कन
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भाजपा की सूची पर टिकी थी पार्टी नेताओं के साथ ही अन्य दलों की निगाहें
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निवर्तमान संसद बृजभूषण शरण की उम्मीदों को लगा तगड़ा झटका
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फिर इंतजार शुरू, अन्य दावेदार भी लगा रहे एड़ी चोटी का जोर
गोंडा। कैसरगंज लोकसभा सीट अपने कद और समीकरण के चलते राजनीति में अहम स्थान रखती है। यहां की जनता ने हमेशा से सपा और भाजपा पर भरोसा जताया है। 2009 में इस सीट का पुनर्गठन होने के बाद से अब तक बृजभूषण शरण सिंह यहां से चुनाव जीतते आए हैं। वे एक बार सपा से तो दो बार बीजेपी से सासंद रहे हैं। अब तीसरी बार भी वे इस सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं लेकिन महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप के चलते बीजेपी ने अभी तक उन्हें टिकट नहीं दिया है। हालांकि यौन शोषण के आरोपों से घिरे होने के बाद भी यहां की जनता का उन पर से भरोसा कम नहीं हुआ। वहीं इस बात के कयास बराबर लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है।
मैदान में डटे हैं बृज भूषण शरण सिंह
इधर, अंदरखाने से खबर आ रही है कि पार्टी ने पत्नी या बेटे को चुनाव लड़ाने का ऑफर दिया है जिसे बृजभूषण शरण से अस्वीकार कर दिया है। इसे लेकर भाजपा के बड़े नेताओं में नाराजगी है। बावजूद इसके मंगलवार को वे अपने पूरे लाव लश्कर के साथ चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। उन्होंने लोगों से मुलाकात की और जनता के बीच जाकर उनका हालचाल लिया। इस दौरान उनके मुंह से अचानक से ये भी निकल गया, चिंता मत करो, मैं आ गया हूं’ इसके बाद से अटकलें लगने कि शायद उन्हें ही इस सीट से टिकट मिलेगा, जिसका आश्वासन उन्हें पार्टी से मिल चुका है, लेकिन जब विगत बुधवार दोपहर को आई बीजेपी की 10 वीं लिस्ट में उनका नाम नहीं दिखा तो समर्थकों में एक बार फिर से निराशा देखने को मिली, लेकिन बृज भूषण इस बात की चिंता किए बगैर मैदान मे डटे हुए हैं।
टिकट को लेकर मची है होड़
कैसरगंज सीट पर जिस तरह से टिकट को लेकर होड़ मची हुई है, वह बेहद दिलचस्प है। एक तरफ तो अन्य पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारने से पहले ये जानने के लिए बेकरार हैं कि आखिर बीजेपी इस सीट से किसे टिकट दे रही है। वहीं जिले के दो विधायकों को भी बीजेपी की उस सूची का बेसब्री से इंतजार है, जिसमें कैसरगंज के कैंडीडेट का नाम होगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी की नजर किसी और पर है। इसके लिए, टीम स्थानीय मतदाताओं की नब्ज टटोल रही है। साथ ही टिकट की वैधता के हर पहलू की बखूबी पड़ताल कर रही है। इस सीट को लेकर कई नेता बीजेपी आलाकमान के संपर्क में हैं।
मुख्यमंत्री की पसंद को भी दी जा रही है अहमियत
मंडल की चारों सीटों पर मुख्यमंत्री की पसंद को भी बीजेपी संगठन में अहमियत दी जा रही है। तीन सीटों पर टिकट तय हो गए हैं, लेकिन कैसरगंज सीट पर प्रत्याशी का नाम अभी तक नहीं तय किया जा सका है। इसे लेकर कई तर्क सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि सांसद रहते हुए बृजभूषण सिंह ने कई मुद्दों पर सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे। इससे भले ही जनता के बीच उनका भरोसा बढ़ा हो लेकिन पार्टी हाईकमान की निगाहें उन पर टेढ़ी हो गईं। इधर हरियाणा और जाट बहुल क्षेत्रों की सीटों पर टिकट से होने वाले प्रभाव को भी ध्यान में रखा जा रहा है। हालांकि सांसद के समर्थकों को पूरा भरोसा है कि कुछ भी हो जाए चुनाव तो बृजभूषण शरण सिंह ही लड़ेंगे।
सांसद ने कई दिग्गजों पर भी उठाए थे सवाल
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सांसद ने योग गुरु रामदेव के उत्पादों पर सवाल उठाकर उन्हें घेरा था। ये मामला पार्टी हाईकमान तक पहुंचा था।
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मनसे प्रमुख राज ठाकरे के अयोध्या आने पर आपत्ति जताई थी। उत्तर भारत के लोगों पर हुए हमले पर विरोध जताया।
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जिले के गौरा क्षेत्र में एक युवा नेता की हत्या पर स्थानीय विधायक व पुलिस पर सवालिया निशान उठाए।
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अपने एक कार्यक्रम में मनकापुर राजघराने को लेकर टिप्पणी की।
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बाढ़ राहत सामग्री के वितरण में सरकार के कामकाज पर असंतोष जताया।
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