1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट पर इस बार भी रायबरेली और सुल्तानपुर की राजनीति का असर देखने को मिलेगा। वजह साफ है कि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा व सुल्तानपुर जिले की बल्दीराय तहसील के 30 मतदान केंद्रों के मतदाता अमेठी सीट से सांसद का चुनाव करेंगे। ऐसे में इन जिलों की राजनीति भी अमेठी में असर दिखाएगी। हालांकि राजनीतिक दलों ने इसके लिए अलग-अलग तैयारी की है।
अमेठी। अमेठी संसदीय सीट में तिलोई, जगदीशपुर, गौरीगंज व अमेठी के साथ ही रायबरेली की सलोन विधानसभा भी आती है। अमेठी जिले के 14 लाख 28 हजार 316 व रायबरेली के सलोन विधानसभा के 3 लाख 57 हजार 809 वोटरों को मिलाकर कुल 17 लाख 86 हजार 125 मतदाता अमेठी के लिए सांसद चुनेंगे। रायबरेली में वर्ष 2019 में कांग्रेस से सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी, जबकि सुल्तानपुर से भाजपा की मेनका गांधी ने संसद तक का सफर तय किया था। दरअसल, अमेठी से रायबरेली व सुल्तानपुर की सियासत भी सधती है। सालोन वैसे तो रायबरेली जिले में आता है, लेकिन संसदीय चुनाव में यहां के वोटर अमेठी के सांसद का भाग्य लिखेंगे। सुल्तानपुर, अमेठी व रायबरेली जिलों के राजनीतिक दलों को दोहरी रणनीति बनानी पड़ती है। वजह, इन जिलों की राजनीतिक स्थिति अलग है।
बनाई गई है त्रिस्तरीय योजना
रायबरेली के भाजपा जिला प्रभारी पीयूष मिश्रा कहते हैं कि सलोन विधानसभा में इस बार त्रिस्तरीय योजना बनाई गई है। पन्ना प्रमुख, बूथ के साथ ही मंडल स्तरीय पदाधिकारी की टीम लगाई गई है। महिला व युवा मोर्चा को अलग से जिम्मेदारी दी गई है। अमेठी के भाजपा के मीडिया प्रभारी चंद्र मौलि सिंह कहते हैं कि अमेठी संसदीय सीट की पांचों विधानसभाओं के लिए मास्टर प्लान तैयार है। इसके आधार पर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
अभी तक कांग्रेस ने नहीं उतारे उम्मीदवार
रायबरेली व अमेठी से कांग्रेस ने अभी तक कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, हालांकि कांग्रेस प्रियंका गांधी को रायबरेली से और राहुल गांधी को अमेठी से चुनावी समर में उतारने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी दोनों संसदीय सीटों से चुनाव प्रबंधन को संभालेंगी। फिलहाल, कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह कहते हैं कि सभी 130 न्याय पंचायतों को सक्रिय किया जा रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व खुद मॉनिटरिंग कर रहा है।
दुविधा के बीच तैयारी में जुटी कांग्रेस
अमेठी में सियासी रण तैयार है। भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के सामने गठबंधन से दावेदार कौन होगा? इसका अधिकारिक ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के मिले संकेत के बाद कांग्रेसी तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि इस राह में कई मुश्किलें नजर आ रही हैं।
तैयार की जा रही कार्यकर्ताओं की फौज
लंबे समय से अमेठी की दावेदारी को लेकर संशय बरकरार है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। इसे देखते हुए संगठन को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। बीते दिनों कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी से कई पदाधिकारियों को हटा दिया गया। हालांकि हटाए गए पदाधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि 130 न्याय पंचायत में से करीब 25 प्रभारी ऐसे हैं, जिन्हें बदलने की योजना है।
खोजे जा रहे सक्रिय पदाधिकारी
दरअसल इनमें से कई ऐसे हैं जो निष्क्रिय हैं। कई के खिलाफ अन्य शिकायतें हैं। कई नेता ऐसे हैं जो इस बार सामने आने से हाथ खड़े कर रहे हैं। इसके साथ ही 1923 बूथ व 826 ग्राम पंचायतों में भी सक्रिय पदाधिकारी की खोज की जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह कहते हैं कि हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। संगठन को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इसकी पूरी सूची पार्टी नेतृत्व को भेजी जानी है।
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