Follow us

अयोध्या: रामनवमी पर सूर्य की किरणों से होगा रामलला का अभिषेक

अयोध्या
  • रामलला के ललाट पर 75 मिमी. का होगा सूर्याभिषेक
  • सिस्टम को अंतिम रूप देने में जुटे सीबीआरआई के वैज्ञानिक
  • सूर्याभिषेक के सिस्टम की फाइनल टेस्टिंग आज
  • दर्पण व लेंसों के उपयोग से रामलला के ललाट तक पहुंचेगी सूर्य किरणे

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की बाल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 500 वर्षों के लंबे इंतजार और कड़े संघर्ष के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने भव्य महल में विराजमान हो गए हैं। इसके बाद से रोजाना लाखों भक्त उनके दर्शनों के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। अब रामनवमी को भक्त एक और अद्भुत घटना के साक्षी बनेंगे। यहां सूर्यवंशी भगवान राम के ललाट पर स्वयं सूर्यदेव तिलक करेंगे।

दरअसल, इस बार रामनवमी के मौके पर रामलला अपना जन्मदिन टेंट की बजाय अपने भव्य मंदिर में मनाएंगे। रामजन्मभूमि की तरफ से इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वहीं सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की ( CBRI ) के वैज्ञानिक रामनवमी के दिन में 12 बजे प्रभु श्रीरामलला के प्रतीकात्मक जन्म के बाद उनके ललाट पर सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक करने के सिस्टम को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। मंदिर में सूर्याभिषेक का प्रारंभिक सफल प्रेजेंटेशन हो चुका है। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा का कहना है कि फाइनल टेस्टिंग शनिवार यानी आज की जाएगी। इसमें सफलता मिलते ही सूर्याभिषेक का कार्यक्रम फाइनल हो जाएगा।

कैसे बना है तकनीकी सिस्टम

दरअसल, जहां मंदिर के शिखर का निर्माण होना है, वहां से सूर्य की किरणों को एक दर्पण पर डालकर इसे इस तरीके से सेट किया गया है कि सूर्य की किरणें परावर्तित होकर मिश्र धातु की बनी पाइप में सीधे मंदिर में प्रवेश करें। यह पाइप 90 डिग्री के कोण का है। इस मोड़ से पाइप नीचे की ओर मंदिर के प्रथम तल से होकर गर्भगृह में रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई जाएंगी।

ये होगी प्रक्रिया

  • इसमें शिखर के तल पर बने पाइप के पहले मोड पर 45 डिग्री के कोण पर एक दर्पण लगाया गया है
  • यह किरणों को 90 डिग्री के कोण पर परावर्तित कर नीचे की ओर सीधी लाइन में परावर्तित कर देगा
  • इसके बाद किरणें ग्राउंड फ्लोर में बने पाइप के मोड़ पर पहुंचेंगी
  • पाइप के पहले मोड़ व दूसरे मोड़ के बीच भी तीन लेंस लगाए गए हैं
  • यहां से निकली किरणें प्रभु श्रीरामलला के ललाट पर सीधे स्पर्श करेंगी
  • यह लेंस सूर्य देव की करने को 75 महीने के क्षेत्र में केंद्रित कर रमलला के ललाट पर फोकस कर देंगे 

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: रामनवमी पर 20 घंटे दर्शन देंगे रामलला, ट्रस्ट की बैठक में हुआ फैसला 

इसे भी पढ़ें-भाजपा का अभिमान बना ये जननायक, रामलला व रामन्दिर से है पुराना नाता

nyaay24news
Author: nyaay24news

disclaimer

– न्याय 24 न्यूज़ तक अपनी बात, खबर, सूचनाएं, किसी खबर पर अपना पक्ष, लीगल नोटिस इस मेल के जरिए पहुंचाएं। nyaaynews24@gmail.com

– न्याय 24 न्यूज़ पिछले 2 साल से भरोसे का नाम है। अगर खबर भेजने वाले अपने नाम पहचान को गोपनीय रखने का अनुरोध करते हैं तो उनकी निजता की रक्षा हर हाल में की जाती है और उनके भरोसे को कायम रखा जाता है।

– न्याय 24 न्यूज़ की तरफ से किसी जिले में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया गया है। कुछ एक जगहों पर अपवाद को छोड़कर, इसलिए अगर कोई खुद को न्याय 24 से जुड़ा हुआ बताता है तो उसके दावे को संदिग्ध मानें और पुष्टि के लिए न्याय 24 को मेल भेजकर पूछ लें।

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS