जब बच्चे बीमार हो जाते हैं तो अक्सर उन्हें एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के ये दवाएं लेने से आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है? आइए जानते हैं।
दवा का असर कम हो जाता है
अगर बच्चे को बार-बार एंटीबायोटिक्स दी जाती है तो धीरे-धीरे उसका असर कम हो जाता और जब आपको वास्तव में उनकी आवश्यकता होती है, तो ये दवाएं काम नहीं करती हैं। इससे बच्चों को और भी परेशानी हो सकती है। इसलिए, इन दवाओं को सावधानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।
पेट की समस्या
एंटीबायोटिक्स से पेट दर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये दुष्प्रभाव बच्चों को बहुत परेशान कर सकते हैं इसलिए ऐसी दवाएं लेते समय डॉक्टर सलाह ले लेनी चाहिए।
एलर्जी
कुछ बच्चों को एंटीबायोटिक दवाओं से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। अगरआपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अन्य दुष्प्रभाव
कुछ मामलों में, एंटीबायोटिक्स आपके बच्चे की सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं या उसके दाँत पीले हो सकते हैं। यदि आप इसे नोटिस करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यह जानना महत्वपूर्ण है कि किसी भी दवा के दुष्प्रभाव हो सकते हैं इसलिए, डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही दवा लेनी चाहिए।
रुक जाता है विकास
एंटीबायोटिक्स लेने से आपके बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, इससे शरीर में पोषक तत्व ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। यही वजह है कि बच्चे को बिना डाक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स नहीं देनी चाहिए।
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