लखनऊ। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए तो गठबंधन किया है, लेकिन प्रदेश की चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर वे असमंजस की स्थिति में हैं। दरअसल प्रदेश में जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से सपा ने तीन तो कांग्रेस ने एक सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। लखनऊ पूर्वी से उम्मीदवार का ऐलान करते हुए कांग्रेस ने गठबंधन उम्मीदवार होने का दावा किया, जबकि सपा ने इससे साफ इन्कार किया है।
प्रदेश की लखनऊ पूर्वी के विधायक आशुतोष टंडन, बलरामपुर जिले की गैसड़ी विधायक शिप प्रताप यादव व शाहजहांपुर की ददरौल से भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह के निधन के चलते इन सीटों पर उप चुनाव होने हैं। वहीं सोनभद्र की दुद्धी सीट भाजपा विधायक रामदुलार गौड़ के दुष्कर्म के मामले में सजा होने की वजह से खाली हुई है।लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी दोनों दलों के नेताओं के बीच गठबंधन के लिए दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी बात नहीं बनी। इस बीच सपा ने गैसड़ी से शिव प्रताप के बेटे राकेश यादव, ददरौल से पूर्व मंत्री अवधेश कुमार वर्मा और दुद्धी से विजय सिंह गौंड के नाम का ऐलान कर दिया।
लखनऊ पूर्वी को लेकर दो दिन पहले कांग्रेस और सपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत हुई, लेकिन बात नहीं बनी। सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लखनऊ पूर्वी से पार्षद मुकेश सिंह चौहान को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया कि मुकेश सिंह चौहान गठबंधन के उम्मीदवार हैं। इधर लखनऊ पूर्वी से कांग्रेस उम्मीदवार के नाम का ऐलान होते ही सपा में हलचल मच गई क्योंकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस सीट से अपना दावा ठोंक चुके हैं।
ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार का नाम सामने आते ही सपा नेताओं ने गठबंधन के मुद्दे पर सफाई देनी शुरू कर दी। उनका तर्क है गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए है न कि विधानसभा चुनाव के लिए। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि अभी सिर्फ लोकसभा के लिए गठबंधन है। उपचुनाव को लेकर जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा फैसला लिया जाएगा।
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