नई दिल्ली। भारत में इस समय बुजुर्गों की जनसंख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। संभावना जताई जा रही है कि 2050 तक भारत में सीनियर सिटीजंस की आबादी 34 करोड़ तक हो सकती है जो पूरी दुनिया के बुजुर्गों के कुल आबादी का 17 फीसदी है। बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के चलते भारत सबसे तेज गति से सिल्वर इकोनॉमी बन कर उभर रहा है। ऐसी सभी इकोनॉमिक एक्टिविटी, प्रोडक्ट्स और सर्विसेज जिसे 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है उसे सिल्वर इकोनॉमी कहते हैं। भविष्य में बुजुर्गों के रहने और उनकी देखभाल से जुडे़ सेगमेंट की ग्रोथ में भी तेजी से इजाफा होने के आसार हैं।
रियल एस्टेट कंसलटेंट फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड (CBRE South Asia Pvt. Ltd) ने तेजी के साथ ग्रोथ दिखा रहे सिल्वर इकोनॉमी के सुनहरे अवसर – सीनियर केयर का भारत में भविष्य (Golden opportunities from the silver economy – analyzing the future of senior care in India) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह से दुनिया भर में बुजुर्गों की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। भारत में इनकी संख्या और तेजी से बढ़ रही है। संभावना जताई जा रही है कि 2050 तक पूरी दुनिया की 17 फीसदी बुजुर्गों की आबादी भारत में होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनसंख्या के अनुकूल होने, पुरानी स्थितियां और जागरूकता के बढ़ने के चलते इनकी आबादी में भारी भरकम उछाल देखने को मिल रहा है। सीनियर सिटीजंस की जनसंख्या के लिए विशेष देखभाल और लाइफस्टाइल ऑप्शंस की बढ़ती मांग को देखते हुए हाल के वर्षों में सीनियर सिटीजंस के लिए खास रहने की सुविधाओं की डिमांड में जोरदार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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