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पार्टी हाईकमान के सामने असमंजस की स्थिति, कई दिग्गजों में टिकट की होड़
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मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, अदिति सिंह या मनोज पांडेय किसे मौका देगा हाईकमान..?
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क्या गांधी परिवार के गढ़ में हार की वजह बनेगी पार्टी की तकरार..?
रायबरेली। लोकसभा के चुनावी महासंग्राम की शुरुआत हो चुकी है। पहले चरण के मतदान भी हो चुके हैं, लेकिन बीजेपी हाईकमान यूपी के सियासत को लेकर बेचैन दिखाई दे रहा है। बीजेपी हाईकमान की निगाहें गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली पर टिकी हुई हैं। रायबरेली की सियासत को साधने में बीजेपी हाईकमान कभी भी कामयाब नहीं हुआ और इसी के चलते इस बार बीजेपी हाईकमान किसी भी कीमत पर रायबरेली के चुनावी समीकरण को साधने की कोशिश में दिखाई दे रहा है, लेकिन पार्टी हाईकमान के सामने चुनौती इस बात को लेकर दिखाई दे रही है कि आखिर गांधी परिवार के गढ़ में वह किसे प्रत्याशी घोषित करे..? क्योंकि टिकट को लेकर कई दिग्गज नेता अपनी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं जिसमें सबसे पहला नाम बीजेपी के मौजूदा मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का है। पिछले लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के सामने ताल ठोक चुके दिनेश प्रताप सिंह इस बार भी पार्टी हाईकमान से हरी झंडी की उम्मीद कर रहे हैं।
गांधी परिवार को खरी खोटी सुना चुकी हैं अदिति सिंह
जिले में जोर-शोर से मंत्री जी की सक्रियता देखने को मिल रही है, जिससे यह साफ है की दिनेश प्रताप सिंह गांधी परिवार के सामने चुनाव लड़ने को बेताब हैं, लेकिन इसी कड़ी में कई और नाम भी शामिल हैं। इस कड़ी में दूसरा नाम सदर विधायिका अदिति सिंह का है। अदिति सिंह की चर्चा जिले में इस वजह से जोर पकड़ रही हैं क्योंकि बीते विधानसभा चुनाव में अदिति सिंह द्वारा गांधी परिवार को खरी खोटी सुनाई गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं कांग्रेस की दिग्गज नेता प्रियंका गांधी को खुलेआम रायबरेली से चुनाव लड़ने की चुनौती भी बीजेपी विधायिका अदिति सिंह के द्वारा दी गई थी। इसके बाद से ही गांधी परिवार और अदिति सिंह के बीच की कॉन्ट्रोवर्सी चर्चा का विषय बनी हुई है। टिकट की होड़ में लगे दिग्गज नेताओं का ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता हैं।
टिकट को लेकर बीजेपी हाईकमान में बेचैनी
इसी कड़ी में जिले के ऊंचाहार विधानसभा से तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुके सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय भी शामिल हैं। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा को धोखा देकर भाजपा के समर्थन में वोट करने के बाद से ही शहर में इस बात की चर्चाएं जोरों पर है कि बीजेपी हाईकमान गांधी परिवार के सामने मनोज कुमार पांडेय को चुनावी मैदान में उतार सकता है। अब ऐसे में सवाल यह है कि यदि पार्टी हाईकमान मनोज कुमार पांडे पर दांव लगाता है तो फिर बीजेपी के पुराने सहयोगी नेता बगावत की राह पर जा सकते हैं। ऐसे में लगातार बीजेपी हाईकमान बेचैन है और शायद यही वजह है जिसके चलते पार्टी हाईकमान द्वारा अभी तक रायबरेली लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई।
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