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हॉस्पिटल बंद करवाने और बेटे को यूनिवर्सिटी से निकालने की दी थी धमकी
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तीन दिनों तक चला फोन पर वसूली का खेल, शुरू हुई बैंक खातों की जांच
बाराबंकी। ईडी व सीबीआई अधिकारी बनकर बदमाशों ने श्रीराम कॉलोनी के कृष्णा हॉस्पिटल एन्ड मैटरनिटी सेंटर के संचालक डॉ. योगेश वर्मा को धमकाकर 50लाख रुपये वसूल लिए। फोन पर वसूली का खेल तीन दिनों तक चलता रहा। इसके बाद साथी डॉक्टरों की मदद से उन्होंने साइबर सेल में शिकायत की। साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह सिरोही ने बताया कि मामले में जिन बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करवाया गया है, उसको सीज करवाने के साथ केस दर्ज कर लिया गया है।
ऐसे फंसाया जाल में
पीड़ित योगेश वर्मा ने बताया कि 17 अप्रैल को सुबह 11:32 बजे उनके मोबाइल पर खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर रोहित शर्मा नाम के एक शख्स ने कॉल किया था। उसने कहा कि मुंबई पुलिस के पास आपके खिलाफ अवैध विज्ञापन के जरिए प्रताड़ना व आधार कार्ड में हेराफेरी की 17 शिकायते दर्ज हैं। ईडी व सीबीआई के पास मामला जा रहा है। इसके साथ ही धमकाया कि उनका हॉस्पिटल बंद करवाने के साथ उनके बेटे को यूनिवर्सिटी से निष्कासित करा दिया जाएगा। साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा। जालसाजों ने इसके बाद ईडी, सीबीआई और आरबीआई के नाम के कुछ कागजात व पत्र भेजकर राहत देने के नाम पर चार बार में 50 लाख रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। यह रकम 18 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच ट्रांसफर की गई है।
बेटे के कस्टडी में होने की बात कहकर 50 हजार ठगे
ऐसा ही एक मामला जिले के बट्टपुर थाने में भी देखने को मिला। यहां पुलिस ने नयापुरवा के रहने वाले राहुल कुमार की तहरीर पर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई साइबर सेल की जांच के बाद की गई है। राहुल ने बताया कि 21 फरवरी को पुलिस इंस्पेक्टर के नाम से उसके पास एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उनका बेटा आयुष वर्मा गंभीर अपराध में पुलिस कस्टडी में है, उसे जेल जाने से बचाना है तो 50 हजार रुपये तुरंत अकाउंट में ट्रांसफर कर दो। इससे डरे राहुल ने बिना कोई देर किये उसे पैसे भेज दिए।
लालच देकर डेढ लाख की ठगी
इधर लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में भी जालसाजों ने टास्क के जरिए रुपये कमाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत बिजनौर थाने में दर्ज कराई है। बिजनौर स्थित सरोजनीनगर रजिस्ट्री ऑफिस के सामने रहने वाले मो. समीर ने बताया कि बीती 29 मार्च को सोशल नेटवर्किंग साइट टेलीग्राम के माध्यम से उसको एक टॉस्क मिला। लालच में आकर धीरे-धीरे उसने 1,55,000 रुपये लगा दिए, लेकिन बाद में उन्हें पैसा वापस नहीं मिला।
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