लखनऊ: ‘श्रीमान ! हनुमान जयंती थी इसलिए मैं बजरंगबली की आरती करने मंदिर गया। आरती में देरी के कारण कार्यालय पहुंचने में देरी हुई, भविष्य में ऐसा नहीं होगा। इस बार बजरंग बली की तरफ से मुझे माफ कर देना ‘। मंगलवार की सुबह शहर के सरकारी भवन में औचक निरीक्षण के दौरान गायब कर्मचारियों ने ये सारे बहाने बनाये। कुछ लोगों ने दावा किया कि वे ट्रैफ़िक में फंस गए थे, दूसरों ने कहा कि वे अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, लेकिन माफ़ी स्वीकार नहीं की गई। ड्यूटी के दौरान अपने पद से गायब रहने वाले सभी 74 कर्मचारियों को नगर निगम आयुक्त ने नोटिस जारी कर उनका एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया है।
अपर नगर आयुक्त डाॅ. अरविंद राव और मुख्य राजस्व अधिकारी (सीटीओ) अम्बी बिष्ट ने मंगलवार सुबह लालबाग नगर निगम मुख्यालय में कर्मचारी आवासों का औचक निरीक्षण किया। नगर निगम के ज्यादातर प्रकोष्ठ के चपरासी सुबह 11 बजे तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे। पशु संरक्षण एवं देखभाल विभाग के कुछ बाबू भी अपनी सीटों से गायब पाए गए। सीटीओ ने बताया कि सबसे पहले जोन-एक कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति देखी गई। इस दौरान कई चपरासी कार्य स्थल से नदारद मिले।
किसी माफ़ी से मदद नहीं मिली
इसके बाद प्रचार से स्थापना में कर्मचारियों की अनुपस्थिति सामने आई। निरीक्षण की जानकारी मिलते ही ज्यादातर कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंच गए। अपने बचाव में कर्मचारी ने कहा कि घर में हनुमान जयंती पर पूजा हो रही थी, इसी दौरान किसी ने मंदिर में पूजा करने का बहाना कर बचने का प्रयास किया लेकिन कोई भी बहाना काम नहीं आया।
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