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कैसरगंज और रायबरेली में फंसा पेंच, इस वजह से प्रत्याशी नहीं उतार रही BJP

कैसरगंज

कैसरगंज में बीजेपी की पहली पसंद अब बृजभूषण की पत्नी केतकी सिंह बन गई हैं। पार्टी केतकी पर दांव लगाना चाहती है। पार्टी का मानना है कि महिलाओं से जुड़े आरोपों का जवाब भी महिला प्रत्याशी मंच से दे सकती हैं। यही नहीं केतकी बृजभूषण की छवि को भी बेहतर करने में भी कारगर साबित हो सकती हैं। बता दें कि 1996 में बृजभूषण को टाडा के तहत जेल जाना पड़ा था, तब भी केतकी सिंह उनके लिए संकटमोचक बनी थीं।

गोंडा। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में पहले चरण का मतदान भी पूरा हो चुका है, यूपी में अभी भी कुछ सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे गए हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की कैंसरगंज और रायबरेली सीट पर प्रत्याशियों की गुत्थी सुलझाने में जुटी है। दरअसल बीजेपी को रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नाम का इंतजार है, तो वहीं कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लेकर यौन उत्पीड़न पर आने वाले फैसले का इंतजार है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा कैसरगंज और रायबरेली में हर परिस्थिति को लेकर नाम तय कर चुकी है,लेकिन अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। कहा जा रहा है कि दूसरे चरण के मतदान के बाद पार्टी कैसरगंज और रायबरेली में भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर देगी। बीजेपी उत्तर प्रदेश में अब तक 73 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है जबकि सहयोगियों दलों को उसने पांच सीटें दी है। इनमें दो-दो सीटें अपना दल (S), रालोद और एक सीट सुभासपा को दी गई हैं। अब बीजेपी को सिर्फ दो सीटों पर ही अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान करना है।

यौन उत्पीड़न मामले में पार्टी को कोर्ट के फैसले का इंतजार

उल्लेखनीय है कि सांसद बृजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बीते साल ये मामला खूब उलझा था। अब बीजेपी को इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार है। सूत्रों की मानें तो बृजभूषण को लेकर पार्टी किसी भी विवाद से बचना चाहती है। यही वजह है कि वह कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। हालांकि, बीजेपी हाईकमान बृजभूषण की जगह उनके परिवार से ही किसी भी सदस्य को टिकट देने को तैयार है। इसे लेकर बृजभूषण से बात भी हो चुकी है, लेकिन वे किसी भी हाल में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी ने बृजभूषण की पत्नी और पूर्व सांसद केतकी सिंह को चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया है। वहीं कुछ लोगों ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण का भी नाम सुझाया है। करण भी कुश्ती से जुड़े हैं और वर्तमान समय में यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव के बाद करण को भी कई आरोपों का सामना करना पड़ा था। वहीं बूजभूषण के दूसरे बेटे प्रतीक भूषण विधायक हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अभी पार्टी उन्हें टिकट देकर विधानसभा उपचुनाव जैसी स्थिति नहीं लाना चाहती है।

प्रियंका गांधी पर दांव लगाने की तैयारी में कांग्रेस

इधर बीजेपी ने रायबरेली में भी अभी तक किसी को टिकट नहीं दिया है। पार्टी यहां कांग्रेस के दांव का इंतजार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा में चले जाने के बाद कांग्रेस अब प्रियंका गांधी पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। दरअसल रायबरेली में पांचवें चरण में वोटिंग होनी है। इससे पहले कांग्रेस यहां प्रियंका गांधी के नाम का ऐलान कर सकती है। बीजेपी ने यहां कई नामों पर मंथन कर रखा है। अगर प्रियंका लड़ीं तो बीजेपी किसी हाईप्रोफाइल चेहरे को मैदान में उतार सकती है। अगर कोई और प्रत्याशी मैदान में आता है वह किसी स्थानीय नेता को टिकट दे सकती है।

 बृजभूषण की जगह केतकी क्यों?

सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि कैसरगंज में बीजेपी की पहली पसंद अब बृजभूषण की पत्नी केतकी सिंह बन गई हैं। पार्टी केतकी पर दांव लगाना चाहती है। पार्टी का मानना है कि महिलाओं से जुड़े आरोपों का जवाब भी महिला प्रत्याशी मंच से दे सकती हैं। यही नहीं केतकी बृजभूषण की छवि को भी बेहतर करने में भी कारगर साबित हो सकती हैं। बता दें कि 1996 में बृजभूषण को टाडा के तहत जेल जाना पड़ा था, तब भी केतकी सिंह उनके लिए संकटमोचक बनी थीं। केतकी ने घर की चहारदीवारी से बाहर पैर रखा और मनकापुर राजघराने के राजा एव सपा नेता आनंद सिंह को करीब 67 हजार वोटों से हराया था। केतकी पूर्व सांसद हैं और उन पर पार्टी भरोसा भी करती है।

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