बाराबंकी। लोकसभा के पांचवें चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस चरण की वोटिंग में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। बारांबकी में भी पांचवें चरण में चुनाव होने हैं। इसी के साथ ही जिले में राज्य सरकार में मंत्री के साथ ही भाजपा के दो विधायक और दो एमएलसी की भी परीक्षा शुरू हो गई है। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया से कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर सपा के तीन विधायकों के लिए भी करो या मरो की स्थिति है। इन जनप्रतिनिधियों के साथ ही संगठन से जुड़े दिग्गजों की जिम्मेदारी भी कम नहीं है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जिले की छह सीटों में से तीन पर भाजपा और तीन पर सपा के विधायक ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त यहां इतनी जबरदस्त टक्कर थी कि दोनों दलों के एक-एक विधायक मात्र 300 वोटों के अंतर से जीत सके थे।
कांग्रेस से ज्यादा बढ़ी सपा की जिम्मेदारी
अब लोकसभा चुनाव में इन विधायकों की भी असली परीक्षा होनी है। इनमें से एक राज्य सरकार में मंत्री हैं। भले ही उनका विधानसभा क्षेत्र दरियाबाद अयोध्या लोकसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखता है, लेकिन बाराबंकी चुनाव की पूरी जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। लोकसभा चुनाव में दरियाबाद और हैदरगढ़ के विधायक अपने-अपने क्षेत्र में अपने पार्टी प्रत्याशी को कितने वोट दिला पाएंगे ये बड़ा सवाल है। उनके वोट प्रतिशत से ही आने वाले समय में राज्य सरकार में उनकी स्थिति और हैसियत भी तय होगी। हालांकि इस बार चुनावी समर में सपा सीधे तौर पर लड़ाई में नहीं है, लेकिन उसकी जिम्मेदारियां कांग्रेस से ज्यादा बढ़ गई है।
जिले में रसूख आंकने का समय
यहां गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने में सदर, रामनगर और जैदपुर के विधायक कितना सफल होंगे ये तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल ये समय उनकी परीक्षा और जिले में अपने रसूख को आंकने का है। यह चुनाव इन विधायकों के काम से लेकर उनके व्यवहार और जनता के बीच पकड़ को भी दर्शायेगा। स्थानीय निकाय क्षेत्र से भाजपा के एमएलसी अंगद सिंह और स्नातक क्षेत्र के एमएलसी अवनीश पटेल को भी इस लोकसभा चुनाव में परीक्षा के दौर से गुजरना है। अंगद सिंह ने पार्टी से अयोध्या लोकसभा क्षेत्र के लिए टिकट भी मांगे थे। ऐसा कहा जाता है कि वे जिले में सक्रिय भी खूब हैं, लेकिन एमएलसी बनने के बाद वह पार्टी का कितना जनाधार बढ़ा पाएंगे ये इस चुनाव में तय होगा। वहीं अवनीश एमएलसी होने के साथ ही भाजपा के जिला प्रभारी भी हैं। वह अपने सजातीय वोटों को पार्टी के पक्ष में कितना कर पाते हैं ये देखने वाला होगा।
दांव पर साख
समाजवादी पार्टी के तीन पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, राकेश वर्मा और संग्राम सिंह वर्मा से लेकर कांग्रेस के पीएल पुनिया व रामसागर रावत की प्रतिष्ठा भी चुनाव में दांव पर लगी है। भाजपा में पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत से लेकर अन्य कई नेताओं ने बड़े-बड़े दावे किये हैं। उनके दावों में कितनी सच्चाई है, ये इस चुनाव में पता चल जायेगा।
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