लखनऊ। पुलिस ने राजधानी के निर्माण निगम में तैनात अधिकारी अंकुर श्रीवास्तव की ऑडी कार बरामद कर ली है। साथ ही बड़ा खुलासा भी किया है। पुलिस के मुताबिक अंकुर ने ही बीमा क्लेम पाने के लिए अपने साथी के साथ मिलाकर कार गायब की थी। पुलिस अब उनके साथी दिल्ली निवासी गैराज मालिक को तलाश रही है।
जानकारी के मुताबिक पारा के विक्रमनगर में रहने वाले अंकुर श्रीवास्तव विभूतिखंड स्थित निर्माण निगम में ग्रेड-2 अधिकारी हैं। विगत 30 अप्रैल को उन्होंने पुलिस को सूचना दी कि उनके दफ्तर के बाहर खड़ी उनकी ऑडी गाड़ी शाम चार बजे चोरी हो गई। कार चोरी की शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। इस दौरान छनबीन में पुलिस को पता चला कि कार चोरी का जो समय उन्हें बताया गया था वह गलत था। वहीं जब सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया तो एक युवक बड़े आराम से उनकी ऑडी गाड़ी ले जाते दिखाई दिया।
इसके बाद पुलिस ने लगभग 150 के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। साथ ही सर्विलांस की भी मदद ली तो अंकुर के एक साथी दिल्ली निवासी मोटर वर्कशाप मालिक हितेश के बारे में पता चला। हितेश ही अंकुर के ऑफिस के बाहर खड़ी उनकी कार को ले जाते दिखा था। पुलिस ने जब हितेश के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि 2019 में अंकुर की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था। उस वक्त हितेश ने ही उनकी गाड़ी ठीक की थी। फ़िलहाल पुलिस ने अंकुर और हितेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पूछताछ में अंकुर ने बताया कि उन्होंने कार चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी।
इस मामले में इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अंकुर निर्माण निगम में नौकरी ज्वाइन करने से पहले ज्वेलरी का काम करते थे। साल 2017 में उन्होंने ऑडी गाड़ी खरीदी थी, जिसका 2019 में हजरतगंज के भैसाकुंड के पास एक्सीडेंट हो गया था। उस वक्त हितेश ने उनकी कार ठीक की थी लेकिन तबसे गाड़ी में आए दिन कोई न कोई दिक्कत आने लगी थी। अंकुर ने गाड़ी बेचने की सोची, लेकिन एक्सीडेंटल होने की वजह से उसकी कीमत मात्र 10 से 15 लाख मिल रही थी जबकि गाड़ी की मौजूदा कीमत 40 लाख रुपये थी। इस पर अंकुर ने हितेश से बात की और गाड़ी चोरी होने की झूठी एफआईआर दर्ज कराकर क्लेम हासिल करने की योजना बनाई।
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