राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2010 से 2020 तक 631 सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई । वहीं बीते पांच साल में 7 सफाईकर्मियों ने जान गंवाई है।
लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में रेजीडेंसी के पास बिना गैस मास्क के सीवर की सफाई करने उतरे बाप-बेटे की दम घुटने से मौत हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम लिए भेज दिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर नगर विकास मंत्री के निर्देश पर जल निगम के प्रबंध निदेशक ने तत्काल प्रभाव से सहायक अभियंता मुनीश अली और अवर अभियंता गुडलक वर्मा सस्पेंड कर दिया है। साथ ही सफाई का काम करवाने वाली संस्था केके स्पन लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट कर दिया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
बता दें कि रेजीडेंसी के सामने अमृत योजना के तहत डाली गई नई सीवर लाइन की सफाई जी जिम्मेदारी फरीदाबाद की संस्था केके स्पन को सौंपी गई है। यह संस्था रिवर फ्रंट को लेकर पहले भी ब्लैक लिस्ट हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक कंपनी की तरफ से सोबरन यादव (56) और उनका बेटा सुशील (28) बुधवार को दिन में साढ़े तीन बजे रेजीडेंसी के सामने स्थित मैनहोल से सीवर लाइन साफ करने उतरे थे, लेकिन उन्होंने सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया था। नतीजा ये रहा कि सीवर में ऑक्सीजन की कमी व जहरीली गैस फैलने की वजह से दोनों पर बेहोशी छाने लगी।
जैसे-तैसे दोनों ने किसी तरह शोर मचाया तो वहां से गुजर रहे वकीलों ने उनकी आवाज सुनी और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद वजीरगंज पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत फायर ब्रिगेड को बुलाया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने 46 मिनट की मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला, तब तक दोनों की हालत बिगड़ चुकी थी। पुलिस ने सोबरन को ट्रॉमा सेंटर और सुशील को बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों सीतापुर के कमलापुर स्थित शहजलालपुर के सरवरपुर गांव के रहने वाले थे।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट और सरकार ने सीवर लाइन में सफाई करवाने के लिए संबंधित विभाग के अफसरों को मानकों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके कहीं भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है। रेजीडेंसी के सामने हुए हादसे में भी जिम्मेदारों ने बिना सेफ्टी किट के बाप-बेटे को मैनहोल के जरिए सीवर लाइन में उतार दिया था। नतीजा ये रहा कि दोनों की मौत हो गई।
इस मामले पर बात करते हुए प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि एमडी जल निगम को संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही संबंधित फर्म पर एफआईआर कराई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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