लखनऊ। राजधानी के पैकरामऊ निवासी सुपरवाइजर रंजीत मिश्रा के परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट करने वाले पांच डकैतों को डीसीपी नार्थ की क्राइम टीम और गुडंबा पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। दरअसल 6 बदमाशों के गिरोह ने ह्यूमन पिरामिड बनाकर तीन बदमाशों को 14 फुट ऊंची दीवार फंदवाई थी। सर्विलांस से मिले सुराग से ही पुलिस आरोपितों तक पहुंची। पुलिस ने पहले ही इस मामले में चोरी की रिपोर्ट दर्ज की थी।
नूरुल की मुखबिरी पर पड़ा था डाका
पुलिस ने बताया कि पैकरामऊ निवासी नूरुल ने घर आते- जाते समय रंजीत के मकान को चिह्नित किया था क्योंकि उनके घर के पास हमेशा सन्नाटा रहता था। उसने सैफ और हलीम से इस मकान में लूटपाट करने का जिक्र किया था। सैफ के कहने पर युसूफ ने पुख्ता प्लान बनाया। इसके बाद उसने अपने इस प्लान में कौशल और भूपेद्र को भी शामिल कर लिया। तीन दिन की रेकी के बाद 23 अप्रैल मंगलवार की रात को सभी बदमाश रंजीत के मकान के पीछे खेत में एकत्र हुए। इसके बाद इन लोगों ने ह्यूमैन पिरामिड बनाकर हलीम, नुरुल और सैफ को अंदर मकान में दाखिल कराया। ये लोग सीढ़ियों से नीचे उतरे और सैफ ने अंदर से बंद में गेट खोल दिया। युसूफ असलहा लेकर में गेट के पास छिपा था जबकि कौशल और भूपेंद्र बाइक लेकर कुछ दूरी पर खड़े थे।
15 मिनट मकान में रुके थे बदमाश
पूछताछ में यूसुफ ने पुलिस को बताया कि नूरुल की मदद से मकान में रहने वाले पुरुष और महिलाओं की संख्या का पता था। बदमाशों ने मकान में दाखिल होते ही रंजीत के बड़े बेटे और बेटी के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था। इसके बाद तीनों रंजीत के कमरे में पहुंचे। जहां पर पत्नी और बेटी को गन पॉइंट पर लेकर लूटपाट की और 15 मिनट में ही वे सब वहां से भाग निकले। शातिर यूसुफ ने लूटे गए फोन रोड पर ही फिकवा दिए थे। उसका मानना था कि पुलिस फोन पाने वाले को बदमाश समझकर समझ बर्बाद करेगी।
डीसीपी नार्थ अभिजीत आर शकंर ने बताया कि पकड़े गए डकैत पैकरामऊ निवासी नुरुल, पैकरामऊ ताल निवासी हलीम, बाराबंकी के घुंघटेर निवासी सैफ, बाराबंकी के कुर्सी निवासी कौशल कुमार सिंह और मोहम्मदपुर खाला निवासी युसूफ खान उर्फ मोहम्मद आलम है। बाराबंकी निवासी आरोपित भूपेद्र अभी फरार हैं। नुरुल सैफ और हलीम मोटर मकैनिक हैं। यही वजह है कि ये दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे। एसी मैकेनिक युसूफ और ड्राइवर कौशल मड़ियांव के अन्ना मार्केट में रहते हैं, इसलिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। वहीं गिरोह का सरगना यूसुफ भूपेद्र का दोस्त है।
डेली बीयर पार्टी से गहराया शक
एसीपी गाजीपुर विकास कुमार सकल ने बताया की जिस जगह रंजीत का घर है। वहां आस-पास मकान कम है और दूर-दूर तक कहीं कोई कैमरा भी नहीं लगा है। गुडंबा इंस्पेक्टर 5 नितीश श्रीवास्तव, एसआई दर्शन सिंह, विकास सिंह, अभिषेक, क्राइम विश्व नदीम और आजम ने जब स्थानीय स्तर पर जांच पड़ताल शुरू की और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कुछ युवक बेहटा इलाके में मिलकर बीयर पार्टी कर रहे है। इस पर विश्वनाथ सिंह ने उनके बारे में पता किया और उनका मोबाईल नबंर हासिल किया। इसके बाद सर्विलांस देख रहे हेड कॉस्टेबल वीर सिंह और संतोष की मदद से कॉल डिटेल खंगाली तो घटना के वक्त सैफ के मोबाईल की लोकेशन घटनस्थल की मिली। इसके बाद इन तीनों को अरेस्ट कर लिया गया। पूछताछ में यूसुफ, कौशल और भूपेंद्र का नाम सामने आया। इसके बाद पुलिस ने कौशल और यूसुफ को भी पकड़ लिया, लेकिन भूपेद्र का अभी तक कही सुराग नहीं लग पा रहा है। पुलिस उसे तलाश रही है।
ये सामान हुआ बरामद
पकड़े गए डकैतों के पास से पुलिस 315 बोर के दो तमंचे, कार, बाइक, सोने-चांदी की दो चेन, चांदी की चार और एक सोने की अंगूठी, सोने की बाली, झुमका, नाक की कील, मंगलसूत्र, सोने का लोकेट, आधार कार्ड और पांच फोन बरामद किए हैं।
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