लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी का पार्टनर बनकर रिश्तेदारों व करीबियों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोपित को महानगर पुलिस ने धर दबोचा है। इस बात की जानकारी देते हुए महानगर इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्र बताया कि पकड़ा गया आरोपित प्रवीण राय मऊ के दोहरीघाट का रहने वाला है। उसके खिलाफ निशातगंज निवासी दीपक राय ने 4 जून 2022 को मुकदमा दर्ज करवाया था। प्रवीण पर 69 लाख रुपये गबन का आरोप है। दरअसल, दीपक की रियल एस्टेट कंपनी एएसआर में प्रवीण बतौर पार्टनर शामिल हुआ था। कंपनी में दीपक के पिता अशोक राय और आरोपित प्रवीण का जॉइंट अकाउंट था। इसी अकाउंट में से उसने जालसाजी करके पैसे इधर से उधर ट्रांसफर कर दिए थे।
पुलिस ने बताया की प्रवीण ने फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेज का इस्तेमाल कर बैंक की रकम अपनी बहन व रिश्तेदारों के नाम पर ट्रांसफर करा ली थी। इसके बाद उसने दूसरी कंपनी बनाई और उसके जरिये लखनऊ व बाराबंकी के प्रशासनिक अफसरों का भी पैसा लगाकर उन्हें ठगा है। अशोक राय की तरफ से भी प्रवीण के खिलाफ महानगर कोतवाली में एफआईआर कराई जा चुकी है। आरोपित खुद को बाराबंकी के एक बीजेपी नेता का भाई बताता था।
ट्रेडिंग के नाम पर 75 लाख की जालसाजी
ऐसी ही एक अन्य घटना में साइबर जालसाजों ने एक ठेकेदार को शेयर ट्रेडिंग में फंसाकर उनसे 75 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगे जाने की जानकारी होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। आईआईएम रोड निवासी ठेकेदार आशीष के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने उन्हें शेयर में निवेश करने का लालच देकर जाल में फंसाया। इसके बाद उसने उन्हें वेनेक ग्रुप एप्लिकेशन भेजा, जिसे उन्होंने गूगल से सर्च किया तो वह सेबी में रजिस्टर्ड मिला। उसका ऑफिस न्यूयार्क में था। विश्वास होने पर पीड़ित ने उन्हें वेनेक ग्रुप वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा, जहां शेयर धारकों का मुनाफा देखकर उन्होंने भी 75 लाख रुपये के शेयर खरीद लिए। वेनेक ग्रुप में पीड़ित के वॉलेट में 1.82 करोड़ रुपये मुनाफा शो हो रहा था। उसे ट्रांसफर कर लिया, लेकिन रकम पीड़ित के बैंक अकाउंट में नहीं पहुंची। उधर, जालसाज ग्रुप छोड़कर भाग गए।
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