लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के उस बयान की कड़ी आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर ठीक से नहीं बना है। मंदिर का वास्तु ठीक नहीं है। सीएम योगी ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को विपक्ष को जमकर घेरा। इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस, सपा, राजद समेत इंडी गठबंधन के तमाम दल रहे। उन्होंने सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर भी उन्हें भी खूब लताड़ा। सीएम ने कहा, सपा और कांग्रेस का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है। ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखि तिन तैसी’। ये रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग हैं।
श्रीराम के अस्तित्व को नकारने और मर्यादा प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाले लोग हैं। इन लोगों से किसी भी तरह की उम्मीद रखना बेमानी है। सीएम योगी ने कहा- कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, नेशनल कॉफ्रेंस सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। इन लोगों ने हमेशा से ही अयोध्या में राम मंदिर का विरोध किया है। इनकी भावनाएं हिंदुओं और भारतीय विचारों के ख़िलाफ़ हैं। उनका चरित्र तुष्टिकरण की नीति को पुष्ट करने वाला है। ये आतंकवादी समर्थक मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के आदर्शों के खिलाफ काम कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों से अधिक उम्मीद नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि ईश्वर की सत्ता को चुनौती देने का मतलब विनाश, अंधकार और विरोधाभासी बुद्धि है। लोग उनके असली व्यक्तित्व को पहचानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस और गठबंधन के अन्य सहयोगी दल शुरू से ही अयोध्या राम मंदिर पर माननीय न्यायालय के फैसले को रोकने की कोशिश कर रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि इन लोगों ने मुसलमानों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति और जनजाति में शामिल कराने की कोशिश की थी। बीजेपी ने इसका विरोध किया क्योंकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर धार्मिक आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. इससे भारत का विभाजन हुआ, इसलिए हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।’
सीएम ने कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जातियों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे, लेकिन कांग्रेस, सपा और राजद को जब भी मौका मिलेगा, वे इसका फायदा उठाएंगे। वे इन जातियों के आरक्षण को तोड़कर जबरन अल्पसंख्यकों को देने की कोशिश करेंगे। भारत के विभाजन की नींव रखी जा रही है, जिसे अस्वीकार करने पर मतदाताओं को निर्णायक प्रतिक्रिया देनी होगी।
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