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बाराबंकी का सांसद तय करने में कुर्मी मतदाता निर्णायक
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किसके निशाने पर अब कुर्मी वोट बैंक !
बाराबंकी। इस दफा लोकसभा चुनाव में बाराबंकी दिलचस्प जंग का गवाह बन गया है। यहां अपने-अपने समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशियों की नजर खामोश खड़े कुर्मी मतदाताओं पर टिक गयी है। बाराबंकी की राजनीति में कुर्मी बिरादरी को खास अहमियत है। बाराबंकी में इस बिरादरी के मतदाता प्रभावी भूमिका में हैं। वहां इसी रणनीति के तहत सजातीय प्रत्याशी उतारे गए हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बाराबंकी में सियासी हलचलें तेज हैं। यह अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है। बीजेपी ने पहले यहां से वर्तमान सांसद उपेन्द्र सिंह रावत को टिकट दिया था लेकिन उनका कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद वह चुनाव से पीछे हट गए। इसके बाद बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को मैदान में उतारा है।
वहीं कांग्रेस-सपा गठबंधन ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को मैदान में उतारकर युवाओं को संदेश देने की कोशिश की है। तनुज कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से दूसरी बार ताल ठोंक रहे हैं। साल 2019 में भी वे इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे, अब एक बार फिर से तनुज पुनिया को लोकसभा का टिकट मिला है। ऐसे में तनुज पुनिया के पिता और पूर्व संसद पीएल पुनिया का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा जिसमें वे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा पर गंभीर आरोप जड़ते हुए नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा की बेनी प्रसाद वर्मा राजनीतिक अनुभवी हैं। वे समाजवादी पार्टी में रह कर समाजवादी के खिलाफ रहे। कांग्रेस पार्टी में रह कर कांग्रेस के खिलाफ काम करते रहे। ये उनकी फ़ितरत है। किसी वर्ग विशेष में उनकी पकड़ अच्छी होगी लेकिन उनके जाने से कांग्रेस पार्टी को कोई दिक्कत नहीं है।
बता दें कि बेनी प्रसाद वर्मा कुर्मी समाज में अच्छी पैठ रखते थे। ये वही कुर्मी समाज है जिनकी निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई में भी कुर्मी समाज ने काफी कुर्बानियां दी हैं। बाराबंकी सीट पर कुर्मी मतदाताओं की खासी तादाद है। इन्हें लेकर उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे हैं। बाराबंकी की सियासत को करीब से जानने वाले लोगो का मानना है कि कुर्मी का वोट ही बाराबंकी लोकसभा सीट का सांसद तय कर सकता है।
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