बाराबंकी। देश में लोकसभा चुनाव के तीन चरण की वोटिंग हो चुकी है। वहीं अभी जिन सीटों पर मतदान नहीं हुए हैं, वहां गहमागहमी बढ़ी हुई है। जोड़-तोड़ कर समीकरण साधने की कोशिश लगातार जारी है। जनता को रिझाने के लिए लोक लुभावने वादे किये जा रहे हैं, लेकिन बाराबंकी की जनता को उनके जिले में राजनीति का पर्याय रहे बेनी प्रसाद वर्मा, सुंदरलाल दीक्षित, कमला प्रसाद, पूर्व मंत्री राजा राजीव कुमार सिंह और छोटे लाल यादव की कमी खल रही है।
बाराबंकी में वैसे तो 6 विधानसभा सीटें हैं लेकिन दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र का संसदीय क्षेत्र अयोध्या में पड़ता है। बाराबंकी के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने पहली बार इसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। बेनी प्रसाद वर्मा ने देश की राजनीति में अपनी पहचान बनाई। वे एक ऐसे नेता रहे जो दूसरे दलों में हस्तक्षेप करने का भी मादा रखते थे। राजनीति में उनके व्यंग बेहद ही चर्चित रहे। उनके बोलने की शैली हर किसी को पसंद आती थी। इस बार के चुनाव के जनता और पार्टी दोनों को उनकी कमी मह्सूस हो रही है। कुछ ऐसा ही हैदरगढ़ के पूर्व विधायक रहे सुंदरलाल दीक्षित को लेकर भी है। जमीनी नेता के रूप में पहचान बनाने वाले सुंदरलाल दीक्षित के रंग जनता को खूब पसंद आते थे। अपने बोलने के अंदाज से ही वे मतदाताओं को अपने पक्ष में कर लेते थे।
विपक्षियों के ऊपर उनके प्रहार और चुनाव में सक्रियता से मतदाता भी प्रभावित होते थे। अक्खड़ स्वभाव और बेबाक टिप्पणी के लिए जाने जाने वाले सुंदरलाल दीक्षित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के खासमखास थे। सुन्दरलाल दीक्षित और बेनी बाबू के अलावा कमला प्रसाद रावत का ढंग भी जनता को भाता था। वे छोटे-बड़े हर किसी से झुक कर मिलते थे और पैलगी करने से नहीं चूकते थे। लोगों को सम्मान देने में जाति पात और रुतबा नहीं देखते थे। उनके सामने जो भी आता था वे उसे पूरा सम्मान देते थे। विपक्षी नेताओं का अभिवादन करने में भी कमला कतराते नहीं थे। वहीं इस चुनाव में सदर के विधायक और राज्यमंत्री रहे छोटे लाल यादव की शैली भी देखने को नहीं मिलेगी। वे मंच से अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बेबाक टिप्पणी करने से नहीं कतराते थे।
दरियाबाद से 6 बार विधायक व राज्य मंत्री रहे राजा राजीव कुमार सिंह निर्दलीय कांग्रेस सपा और भाजपा हर दल के से विधायक बने और जीत की हैट्रिक भी लगाई। उनकी पकड़ और शैली भी जनता को खूब पसंद आती थी। हालांकि इस बार के चुनाव में ये दिग्गज मैदान में नहीं नजर आ रहे हैं लेकिन इनके नाम पर वोट जरूर मांगे जा रहे हैं।
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