बहराइच। भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ बहराइच जिला अपनी खेती के लिए जाना जाता है। यह यहां के रोजगार का मुख्य जरिया है। मुख्यालय से रुपईडीहा जाने के रास्ते में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे दिख रहे खेत बता रहे हैं कि गेहूं की फसल कट चुकी है और चुनावी भागदौड़ में पकी राजनीति की फसल 13 मई को कटने वाली है। इस आरक्षित लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए दस उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और इंडिया गठ्बन्धन के प्रत्याशी के बीच है। पिछड़ा, अति पिछड़ों और दलितों की गोलबंदी से बीजेपी पिछले दो बार से इस सीट पर कब्जा जमा चुकी है। इस बार बीजेपी के राम, राशन और सुरक्षा की कड़ी परीक्षा है। वहीं सपा ने इस सीट पर मुस्लिमों की एकतरफा गोलबंदी और आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगाकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है।
हालांकि राम मंदिर निर्माण और फ्री राशन की काट विपक्ष के पास नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीजेपी शून्य से सौ तक के सफर में पहले से ही आधी यानी 50 परसेंट की दूरी तय कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कसीदे पढ़ते हुए लोग कहते हैं कि लॉ ऐंड ऑर्डर को लेकर बाबा ने जो कर दिया वह कोई नहीं कर सकता है। उनकी कार्यशैली आने वाले समय में किताबों में पढ़ाई जाएगी। उनका बुलडोजर अच्छे अपराधियों को सही रास्ते पर लाने का काम कर रहा है। सीएम की बुलडोजर शैली भी कई पीढ़ियों तक याद की जाएगी। लोगों ने कहा, देश के डीएनए में धर्म है, सियासत करने वाले इसे अपने-अपने नफा नुकसान के हिसाब से सही और गलत बताते हैं, लेकिन सच तो यह है कि मरने के बाद इंसान का अंतिम संस्कार उसके धर्म के हिसाब से ही किया जाता है। ये बात अगड़ा, पिछड़ा, गरीब, गुरबा, दलित सभी को पता है। लोगों की मानें तो जिले में बीजेपी का पलड़ा भारी है।
विपक्ष भाजपा के मजबूत संगठन और आक्रामक प्रचार को भेद पाने में असफल नजर आ रहा है। बीते दिनों यहां के बलहा विधानसभा के उर्रा बाजार में भाजपा कैंडिडेट डॉ. आनंद गोंड़ के पक्ष में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जनसभा की थी। डिप्टी सीएम के जनसभा करने से आनंद गौड़ को यहां अच्छी मजबूती मिली है। वहीं मुख्यमंत्री योगी ने भी बीते दिनों नानपारा बहराइच में जनसभा की थी जबकि I.N.D.I.A. गठबंधन का कोई भी स्टार प्रचारक अभी तक जिले में नहीं आया है। हालाँकि गुरुवार को बहराइच मुख्यालय पर अखिलेश यादव की जनसभा होने का कार्यक्रम है। बसपा की संयुक्त जनसभा श्रावस्ती के जेतवन में ११ मई को प्रस्तावित है। यह बताता है कि विपक्ष के पास प्लानिंग और माइक्रो मैनेजमेंट कमजोर है।
यहां शहरी क्षेत्र में घूमने पर तहसील के पास मिले अनवर खान ने बताया कि I.N.D.IA. के प्रत्याशी रमेश गौतम मजबूत हैं, सपा पहले पूर्व विधायक शब्बीर बाल्मीकि को चुनाव मैदान में उतारती थी लेकिन उन्हें मुस्लिम समझ दलित का वोट कम मिलता था, इस बार बसपा से सपा में आए पूर्व विधायक रमेश गौतम बलहा सुरक्षित विधानसभा में काफी मेहनत कर रहे हैं, उनकी बिरादरी भी उनके साथ खड़ी है। महंगाई व बढ़ती बेरोजगारी से भी आम आदमी परेशान है।
बाहर से आने वालों का भी दिल खोलकर स्वागत करती है जनता
बहराइच की आबोहवा ऐसी है, यहां बाहर वालों को भी भरपूर प्यार मिलता है। बहराइच की जनता बाहर से आने वालों को भी सिर आंखों पर बैठाती है। यही कारण है कि बाहर से आए कई दावेदार यहां से चुनाव जीतकर संसद तक का सफर तय कर चुके हैं। 1952 में कांग्रेस के टिकट पर रफी अहमद किदवई, 1967 में जनसंघ से केके नायर, 1977 में भारतीय लोकदल से ओम प्रकाश त्यागी, 1980 में कांग्रेस से मौलाना सैयद मुजफ्फर हुसैन, 1984 में कांग्रेस और 1989 में जनता दल से आरिफ मोहम्मद खान, 2009 में कांग्रेस से कमांडो कमल किशोर को यहां के लोगों ने संसद पहुंचा दिया।
10 प्रत्याशी हैं मैदान में
इस बार के चुनाव में बहराइच में दस प्रत्याशी मैदान में है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमबीए बीजेपी प्रत्याशी डॉ. आनंद गोंड संगठन के काम के साथ पूर्व में जिपं चुनाव जीत चुके है। IN.D.IA. से सपा प्रत्याशी रमेश गौतम बसपा से पूर्व में विधायक का चुनाव जीत चुके है। बसपा प्रत्याशी डॉ. बृजेश कुमार लखनऊ विश्वविद्यालय में संस्कृत के असोसिएट लोफेसर है। इसके अलावा भारतीय अवाम पार्टी राष्ट्रीय) से अरविंद कुमार, सरदार पटेल सिद्धान्त टी से राम मिलन, राष्ट्र धारक दल से रिंकू साहनी निर्दलीय जगराम, जनार्दन गोंड, बेचूलाल व रमेश मीकि क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं।
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