नई दिल्ली। देशभर में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। तीन चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। बीजेपी का दावा है कि इस चुनाव में वह 400 का आंकड़ा पार कर लेगी। इसके अलावा मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा भी तैयार कर लिया है। मोदी 3.0 सरकार के पहले 100 दिनों में 50 से 70 प्रमुख लक्ष्य और सिफारिशें शामिल होने की उम्मीद है जो नई सरकार के चरित्र और इरादों को परिभाषित करेंगे। इन सभी निर्णयों को आवश्यकता के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है।
सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में सूची में 75 से 80 प्रस्ताव हैं, लेकिन उनकी योजना इस संख्या को घटाकर 50 करने की है। 2024 के संसदीय नतीजें आने में एक महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में मोदी सरकार अपने अगले कार्यकाल के लिए एक नया शासन एजेंडा तैयार कर रही है जो अंतिम चरण में है। इसमें पहले 100 दिनों की योजना के साथ-साथ एक मध्यम और दीर्घकालिक एजेंडा भी शामिल है।
प्रधान मंत्री ने कहा, देश के लिए उनकी 100-दिवसीय योजना लगभग पूरी हो गई है और निर्णय लेने में देरी से बचने के लिए 4 जून के तुरंत बाद इसे लागू कर दिया जायेगा। बताया जा रहा है कि 100-दिवसीय एजेंडे के लिए शॉर्टलिस्ट को प्रासंगिकता और तात्कालिकता के आधार पर भी विभाजित किया जाएगा। इन प्रणालियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: ए, बी और सी।
क्या हैं तीनों श्रेणियों के लक्ष्य?
- श्रेणी ए में सर्वोच्च लक्ष्य प्राथमिकता वाले हैं। संभावना है कि प्रधानमंत्री के कार्यभार ग्रहण करते ही इनकी घोषणा कर दी जाएगी। इसके अलावा श्रेणी बी के लक्ष्यों की घोषणा केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों द्वारा पहले कुछ दिनों के भीतर की जाएगी।
2. अधिकारियों ने कहा कि श्रेणी सी के उद्देश्य दीर्घकालिक हैं और अगले दो से तीन वर्षों के भीतर लागू करने का प्लान है।
3. इन उद्देश्यों पर विस्तार से विचार करने के लिए सरकार के उच्चतम स्तर पर अंतिम दौर की बैठकें की जा रही है
कौन तैयार कर रहा प्लान?
कई मंत्रालयों के सचिव और सीनियर अधिकारी, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और नीति आयोग इस प्लान को तैयार करने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है। योजना के केन्द्र में सचिवों के 10 क्षेत्रीय समूह (एसजीओएस) हैं, जिनकी स्थापना फरवरी में मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा से एक महीने पहले की गई थी।
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