लखनऊ। उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा चुनाव में बीजेपी की परम्परागत सीट है। इस सीट से केंद्रीय रक्षा मंत्री और सांसद राजनाथ सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। उनका सामना सपा प्रत्याशी रविदास मल्होत्रा से है। इस बार बीजेपी ने राजनाथ सिंह को पांच लाख वोटों के अंतर से चुनाव जिताने का टारगेट तय किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि ये इतना आसान नहीं है। दरअसल इसी दिन यहां की पश्चिम और मध्य विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में बीजेपी के लिए वोट बढ़ाना आसान नहीं है।
बीजेपी का गढ़ है लखनऊ
वैसे तो लखनऊ में बीजेपी का वर्चस्व रहा है, लेकिन, पिछले कुछ समय में यहां पश्चिमी और मध्य सीट पर लोगों के सियासी रुख में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इन दोनों सीटों पर सपा का कब्जा है। लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट की बात करें तो यहां साल 1989 से 2007 तक लगातार बीजेपी जीतती रही हैं। इस सीट से तीन बार भाजपा के राम कुमार शुक्ला और तीन बार लालजी टंडन विधायक रहे हैं, लेकिन 2012 में इस सीट पर समीकरण बदले और सपा के मोहम्मद रेहान नईम ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2017 में एक बार फिर से बीजेपी के सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने वापसी की लेकिन 2022 में सपा ने फिर से एक बार बीजेपी से ये सीट छीन ली।
सपा के कब्जे में है मध्य सीट
अब बात करें मध्य सीट की तो यहां से साल 1989 से 2007 तक लगातार बीजेपी जीतती रही है, लेकिन परिसीमन के बाद यहां भी 2012 में सपा के रविदास मेहरोत्रा ने जीत दर्ज की और विधायक बने। इसके बाद 2017 में बीजेपी ने इस सीट से ब्रजेश पाठक को मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने फिर से इस सीट जीत हासिल कर ली और रविदास मेहरोत्रा विधायक बने।
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