लखनऊ। लोकसभा चुनाव शुरू होते ही इलेक्ट्रॉल बांड का मुद्दा देश भर में हावी हो गया। इस मामले को लेकर विपक्षी दल भी बीजेपी पर निशाना साधने लगे थे। इसी बीच गूगल एड्स का मुद्दा भी हावी होने लगा है। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी ने गूगल के जरिए प्रचार के लिए अपने एड्स दिए हैं, जिस पर पार्टी ने 100 करोड़ रुपए खर्च किये। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसे लेकर अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है।
उन्होंने एक्स पर लिखा है-“भाजपा ने Google विज्ञापनों के माध्यम से अपने चुनाव अभियान के लिए रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये जुटाए हैं। दरअसल, यह जनता का पैसा है जिसे भ्रष्ट भाजपा ने एक तरफ कंपनियों से चुनाव के लिए चंदे के रूप में इकट्ठा किया और दूसरी तरफ कंपनियों से जब्त कर लिया। दूसरी ओर, कोरोना के दौरान बीजेपी ने सीधे कंपनियों से पैसा इकट्ठा किया. एक फर्जी राहत कोष बनाकर। यह न केवल लोगों के पैसे के साथ, बल्कि लोगों की भावनाओं के साथ भी खेल है।’
सपा प्रमुख ने आगे लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि वह वोटों से नहीं बल्कि नोट और खोट से चुनाव जीतती है’ अबकी बार जनता ने भाजपा को चारों खाने चित्त करने का प्लान बनाया है। सातवां चरण आते-आते भाजपा का नाम लेने वाला कोई नहीं बचेगा, भाजपा वोट के नाम पर दिवालिया हो गयी है।’
गौरतलब है कि इस बार डिजिटल मीडिया के जरिए प्रचार पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने इस विज्ञापन पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए। ये पैसा केवल गूगल पर एड्स के लिए खर्च किया गया है। बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने गूगल विज्ञापनों पर करीब 45 करोड़ रुपये, डीएमके ने करीब 40 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी ने करीब 10 करोड़ रुपये और टीएमसी ने करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके अलावा, TDP और BJD ने भी Google Ads में निवेश किया है।
बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने करीब 45 करोड़, डीएमके ने करीब 40 करोड़, वाईएसआरसीपी ने करीब 10 करोड़ और टीएमसी ने करीब पांच करोड़ रूपए गूगल एड्स पर खर्च किए हैं। इसके अलावा टीडीपी और बीजेडी ने भी गूगल एड्स पर खर्च किया है।
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