बुन्देलखंड में बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के बीच सियासी लड़ाई वर्चस्व की लड़ाई में बदल गई है। बीजेपी ने जहां यहां से एक बार फिर अनुराग शर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने अनुभवी प्रदीप जैन आदित्य पर दांव लगाया है। नामांकन प्रक्रिया खत्म होने से तीन दिन पहले बसपा ने अयोध्या निवासी रवि प्रकाश कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। टिकट वितरण में देरी के कारण बसपा प्रत्याशी को यहां खुद को मजबूती से खड़ा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की धरती पर रह रहे लोगों का मानना है कि इस सीट पर बीजेपी की जीत की राह आसन नहीं है। यहां चुनाव मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। नेता जीत के लिए जोर आजमाइश में जुटे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है, यहां मुद्दा विकास और रोजगार का है। साथ ही महंगाई भी चरम है, जो बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा करेगी।
बीजेपी प्रत्याशी अनुराग शर्मा ने 2019 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की। वहीं इस बार इंडिया गठबंधन के तहत ये सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को मैदान में उतारा है। प्रदीप जैन आदित्य 2009 में लोकसभा चुनाव जीते थे और यूपीए-2 में राज्य मंत्री बने थे। इसके बाद उन्होंने कभी कोई लोकसभा चुनाव नहीं जीता। बसपा ने रवि प्रकाश कुशवाहा पर भरोसा जताया है। रवि अयोध्या के रहने वाले हैं।
हालांकि पार्टी को कुशवाहा समुदाय के वोटरों से पूरी उम्मीद है कि वे रवि प्रकाश को अपना आशीर्वाद देंगे। वह बात और है कि पार्टी ने रवि प्रकाश को काफी देर बाद टिकट दिया, जिससे जनता के बीच पहुंच बनाने में उन्हें थोड़ी मुश्किल आ रही है। योगी मोदी की लोकप्रियता के चलते जहां बीजेपी को यहां जीत का भरोसा है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवारों का मानना है कि इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और अन्य पार्टियों के समर्थन से उसकी स्थिति मजबूत है।
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