पुनीत मोहन
लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाष चंद्र यादव ने बीते दिनों राष्ट्रीय प्रवक्ता पद के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को एक पत्र लिखा था जो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था। उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि सुभासपा समाजवादी पार्टी पर निशाना साधने के बहाने यादव समाज को अपमानित करती है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा था कि कुछ दिन पहले उनके भतीजे का आजमगढ़ में रोड एक्सीडेंट के चलते निधन हो गया था। अमूमन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता अक्सर घोसी से आजमगढ़ आते जाते रहते हैं लेकिन उनके भतीजे के निधन की खबर सुनकर सुभासपा का कोई भी नेता उनके दुख में शरीक होने उनके दरवाजे नहीं आया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, सहित अरुण राजभर व अरविंद राजभर ने सुभाष चंद्र यादव को फोन तक नहीं किया, जिससे उनको अत्यंत पीड़ा हुई। उनके घर, गांव और यादव समाज में उनका मजाक उड़ाया गया कि वह पार्टी के लिए हमेशा निष्ठावान रहते हैं और उनकी दुःख घड़ी में सुभसपा के किसी नेता ने घर तक आना तो दूर फोन करना तक जरूरी नहीं समझा, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनका इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था और पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने बड़ा दिल दिखाते हुए गलती को स्वीकार किया तथा एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- पूरे घटनाक्रम में प्रदेश कार्यालय से कुछ गलतफहमी तथा सामंजस का सही से तालमेल नहीं हुआ, मुझे सही समय पर सूचना नहीं मिल पाई जिसकी वजह से हम आपके यहां नहीं पहुंच पाए , इसका हमें खेद है। अरुण राजभर ने इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटना किसी के साथ ना घटे उसका हम वादा करते हैं। इसके अलावा घोसी से एनडीए प्रत्याशी अरविंद राजभर ने भी फोन कर सुभाष चंद्र यादव से बातचीत की।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी सुभाष चंद्र यादव से फोन पर बातचीत की और सुभाष चंद्र यादव को स्पष्ट किया कि पार्टी कार्यालय से गलतफहमी के चलते पार्टी का कोई भी सदस्य उनके इस दुख में शरीक नहीं हो पाया था, जिसका उन्हें बेहद अफसोस है। आप पार्टी का साथ न छोड़िए पार्टी एक परिवार की तरह है और परिवार में एक दूसरे के साथ सुख-दुख में खड़े रहना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। भविष्य में पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता के साथ ऐसा ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा। फिलहाल इस प्रकरण पर जब हमारे संवाददाता ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने वाले सुभाष चंद्र यादव से बात की तो उनका कहना था कि पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कुछ लोगों की गलतियों के चलते इस तरीके की गलतफहमियां पैदा हुई थीं और सही समय पर मेरे भतीजे की निधन की सूचना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं मिल पाई थी, जिसके चलते ओमप्रकाश राजभर,अरुण राजभर व अरविंद राजभर मेरे इस दुख में शरीक नहीं हो पाए थे। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारीयों ने इस गलती को स्वीकार किया है मेरे लिए इतना ही बहुत है। पार्टी एक परिवार की तरह है और मैं इस परिवार के साथ हूं।
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