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स्मृति को हराने के लिए प्रियंका दिन रात कर रहीं प्रचार
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कांग्रेस ने किशोरी लाल हैं मैदान में
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17,96,098 मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
रायबरेली। राज्य के सबसे हॉट सीटों में शुमार अमेठी कभी गांधी परिवार का पर्याय थी। इस बार 25 साल बाद गांधी परिवार ने अपने समर्थक किशोरी लाल शर्मा को इस सीट से मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा की तेज तर्रार नेता स्मृति जुबिन ईरानी है। प्रियंका गांधी लगातार यहां प्रचार कर रही हैं। आम बातचीत में लोग कहते हैं कि चुनाव बड़ी दीदी (स्मृति) और छोटी दीदी (प्रियंका) के बीच है।
यहां कांग्रेस का बड़ा दांव हैं किशोरी लाल शर्मा। पिछले चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से हार गए थे। ऐसे में अगर किशोरी लाल हारे तो कोई हानि नहीं होगी, लेकिन अगर गए तो लोग हंसेंगे और कहेंगे स्मृति दीदी किसी मोहरे से हार गईं। इसके बाद राहुल की हार से भी बड़ा रिकॉर्ड स्मृति के नाम बन जायेगा। दरअसल, पिछले चुनाव में राहुल गांधी स्मृति से हार गये थे। कहा जा रहा है कि इस बार छोटी दीदी ने कम समय में जिस तरह का माहौल बनाया है, उससे किशोरी लाल कमाल कर सकते हैं।
इस बीच, कहा जा रहा है कि स्मृति 2014 में विफल रही थीं बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अमेठी नहीं छोड़ा। नतीजा ये रहा कि उन्होंने 2019 में जीत दर्ज की। ऐसे में केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद वह कभी खेल प्रतियोगिताओं, कभी सांसद महिला मैराथन, कभी कार्यक्रमों का पंजीकरण, कभी राम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों में अक्षत और प्रसाद बांटने तो कभी दुरदुरिया पूजा के बहाने लगातार गांवों में संपर्क करती रहीं। ऐसे में किशोरी लाल स्मृति ईरानी को कितनी टक्कर दे पाएंगे ये देखने वाली बात होगी।
गांधी परिवार किशोरी के साथ है। प्रियंका गाँधी उनके नामांकन में भी मौजूद रहीं। वह शर्मा के समर्थन में लगातार चुनाव प्रचार भी कर रही है। दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की मौत को देश के लिए शहादत बताती है, तो लोगों में सहानुभूति नजर आती है। ऐसे में किशोरी हारे या जीते उसका श्रेय या नुकसान दीदी के माथे जाएगा। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी राहुल के चुनाव न लड़ने को हार का डर कहकर तंज जरूर कसंती नजर आती है, लेकिन वह किशोरी लाल को बिल्कुल भी हल्के में नहीं ले रही हैं।
ऐसे समझिए समीकरण
गौरीगंज के लोगों की मानें तो बीजेपी सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह से मदद ले रही है। वहीं राकेश से चुनाव हारने वाले भाजपा के चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी भी साथ में हैं, लेकिन इनके बीच तालमेल बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। भाजपा अमेठी में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिवार की भी मदद ले रही है। अमेठी में पूर्व मंत्री प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति पर्दे के पीछे से और उनका बेटा अनुराग, बहू पूजा, वह बेटी अंकिता खुलकर भाजपा की मदद कर रही हैं, लेकिन महराजी के सामने भाजपा से चुनाव लड़कर हारने वाले डॉक्टर संजय सिंह कहीं दिख नहीं रहे। लोग कह रहे हैं कि वह नाखुश है।
सपा के दोनों विधायक भाजपा के साथ
2022 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की पांच में से तीन तिलोई, सलोन व जगदीशपुर भाजपा और गौरीगंज, अमेठी सपा ने जीती थी। सपा के गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह व महराजी प्रजापति पर्दे के पीछे भाजपा की मदद कर रहे हैं। राकेश राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में क्रॉस वोट कर चुके हैं और महराजी प्रजापति मतदान से अलग रह चुकी है। इन दोनों ही विधायकों के परिजन खुले तौर पर भाजपा की मदद कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो उनका एक भी विधायक यहां नहीं है।
स्मृति जुबिन ईरानी
स्मृति ईरानी केंद्रीय बल विकास एवं महिला कल्याण मंत्री हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी को हराकर निर्वाचित हुई थी। इस बार फिर भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
किशोरी लाल शर्मा
किशोरी लाल शर्मा का गांधी परिवार से करीब 40 साल पुराना नाता है। कांग्रेस ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। शर्मा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
नन्हे सिंह चौहान
सुल्तानपुर के रहने वाले नन्हे सिंह चौहान बसपा के टिकट से मैदान में हैं। वह भी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह कारोबारी हैं।
दो चुनावों की स्थिति
2014
राहुल गांधी 46.71%
स्मृति ईरानी 34.38%
2019
स्मृति ईरानी 49.69%
राहुल गांधी 43.84%
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