लखनऊ। राजधानी समेत प्रदेश के 17 जिलों में अगले महीने से वाटर मीटर लगाने का काम शुरू हो जायेगा। इसके बाद चौबीसों घंटे पानी कि सुविधा मिलने लगेगी। भवन स्वामी से जल मीटर लगाने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगी। लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 110 वार्डो में से चिनहट द्वितीय वार्ड में आने वाले गोमतीनगर के वास्तुखंड को चुना गया है। अगर ये योजना सफल हो जाती है तो भवन मालिक से पानी की लागत के आधार पर बिल लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए प्रारंभिक टेंडर हो चुका है। 28 मई को टेंडर खुलेगा और कंपनी का फैसला लिया जायेगा। पानी के मीटर लगाने का काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा।
राजधानी वास्तुखंड की तरह 17 अन्य जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक-एक कॉलोनी का चयन किया गया है। चिनहट द्वितीय वार्ड में गोमतीनगर के अधिकांश इलाके आते हैं। इसमें वास्तुखंड भी शामिल है। परियोजना के पहले चरण में लगभग 1,000 घरों में वाटर मीटर लगेंगे। यह शहर में अपनी तरह की पहली परियोजना है। वर्तमान समय में सुबह और शाम दो बार जलकल विभाग पानी की आपूर्ति करता है।
इन जिलों में शुरू होगी योजना
किस जिले का कौन सा इलाका योजना में शामिल है। उन्नाव का पीडीनगर, सीतापुर का सिविल लाइंस, ललितपुर का तालाबपुरा, लखीमपुर का बरखेरवा, हरदोई का अशरफ टोला, झांसी का लहरग्रिड नगर, , रायबरेली का गौरा बाजार, जालौन का सुशीलनगर, कानपुर का गीता नगर, इटावा की फ्रेंड्स कॉलोनी, बांदा की स्वराज कॉलोनी, फर्रुखाबाद की आवास विकास कॉलोनी, पीलीभीत की सिविल लाइंस नार्थ कॉलोनी, बदायूं का नेकपुर, शाहजहांपुर का लोधीपुर और बरेली का इंदिरानगर वार्ड।
बिछाई जाएगी नई पाइपलाइन
जल निगम के परियोजना प्रबंधक महेश कुमार गौतम बताते हैं कि वास्तुखण्ड के एक हजार घरों तक नई पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी। पानी जमा करने के लिए टंकियां और भूमिगत जलाशय पहले से मौजूद हैं। ऐसे में इन्हें बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अनुमान है कि वास्तुखंड में प्रतिदिन लगभग 2.4 एमएलडी पानी की खपत होती है। ऐसे में तालाबों और भूमिगत जलाशयों में हमेशा पानी रहे इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसके लिए पानी की आपूर्ति करने वाली लाइन में बीच-बीच में डिजिटल सिस्टम वाले ऑटोमेटिक मीटर भी लगेंगे, जो एक पोर्टल से जुड़े रहेंगे, जिससे पता चलता रहेगा कितना पानी जमा है और कितना खर्च हुआ है।
महेश गौतम बताते हैं कि 17 जिलों में वाटर मीटर लगाने के लिए प्री-बिड मीटिंग आठ मई को संपन्न हो गई है। अब 28 को टेंडर खुलेंगे। इसमें तय हो जाएगा कि कौन सी कंपनी मीटर लगाएगी। जहां वाटर मीटर लगेंगे वहां 24 घंटे पानी की आपूर्ति रहेगी।
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