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बाराबंकी में गरीब, युवाओं, महिलाओं और किसानों पर रहा फोकस
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तीसरी बार सरकार बनने पर इनके लिए बड़े फैसले लेने के भी संकेत
लखनऊ। पूर्वांचल के प्रवेश द्वार पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए भविष्य की चुनौतियों को रेखांकित करते हुए अवध से लेकर पूर्वांचल जातीय समीकरण साधने की कोशिश करने के साथ ही कुछ विशेष वर्गों पर भी फोकस किया। माना जा रहा है कि बाराबंकी पहुंचे मोदी ने वहां जनसभा में जिस तरह से तीसरी बार सरकार बनने पर गरीब, महिला, किसान और युवाओ के लिए बड़े फैसले की बात कही है. उसका असर सिर्फ अवध में ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल पर पड़ने वाला है।
कल्याणकारी योजनाओं को विस्तार देने का दिया भरोसा
दरअसल जनसभा को संबोधित करने के दौरान पीएम ने किसी जातिगत समीकरण में फंसने की बजाय गरीब, महिला, किसान और नौजवान के मुद्दे पर बात की और प्रदेश की जनता को ये संदेश देने की कोशिश कि नई सरकार इस वर्ग की इच्छा और आकांक्षाओं को बखूबी जानती है और उसका पूरा ध्यान भी रखा जाएगा। पीएम ने ये भी जताने का प्रयास किया कि उनकी सरकार बनने पर वह इस वर्ग की अपेक्षाएं और आकांक्षाओं को पूरा भी करेंगे। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का सबसे अधिक लाभ इसी वर्ग को दिया जा रहा है। ऐसे में इन योजनाओं को आगे और अधिक विस्तार दिया जायेगा और इस वर्ग के अधिक से अधिक लोगों तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाई जाएंगी।
अवध की धरती से दिया बड़ा संदेश
उल्लेखनीय है बीते दिनों बिहार की तत्कालीन राजद-जदयू सरकार ने जाति जनगणना रिपोर्ट जारी की थी जिसे पीएम मोदी ने ये कहते हुए ख़ारिज कर दिया था कि उनके लिए सबसे बड़ी जातियां गरीब, किसान और युवा हैं। अब जब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में चुनाव प्रचार तेज हो गया है तो मोदी ने एक बार फिर अवध की धरती से बड़ा संदेश देते हुए गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के हित में अहम फैसले लेने का आह्वान किया है। उनका ये संदेश काफी दूर तक जाने के आसार हैं, जिसका फायदा उन्हें इस चुनाव में मिल सकता है।
जातियों के खांचे को वर्गों से साधने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी की गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर मौलिक फैसले लेने की बात को भी जाति-पाति के विभाजन को पाटने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्षी दल के पीडीए फार्मूले की भी जांच की जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विपक्ष के पीडीए में सबसे अधिक संख्या उन गरीबों की है जो विभिन्न जातियों का होने के बावजूद सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। मोदी ने पीडीए के जवाब में इन चार वर्ग पर अधिक फोकस किया है और इन्हें ये बताने की कोशिश की कि बीजेपी उनके साथ है और अगर इस बार भी उनकी सरकार बनी तो इन वर्गों का विशेष ख्याल रखा जायेगा।
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