जौनपुर। जौनपुर लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक परिदृश्य बदल हुआ है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व सपा विधायक ओम प्रकाश दुबे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी का कोर मौर्य वोट बैंक सपा की तरफ जाता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में यहां सीधा मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच है। बसपा अपने कॉडर वोट बैंक के सहारे मैदान में है।लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा सीटों पर सपा, दो पर भाजपा, तो एक पर निषाद पार्टी का कब्जा है।
इस बार बीजेपी ने इस सीट से कृपाशंकर सिंह पर भरोसा जताया है। कृपाशंकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री रह चुके हैं और जौनपुर के रहने वाले हैं। यहां उन्हें पारंपरिक वोट बैंक का समर्थन हासिल है। उनके सामने अति पिछड़ी जातियों को साधने की चुनौती है। वहीं समाजवादी पार्टी ने बांदा के मूल निवासी बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। बाबू कुशवाहा बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें पारंपरिक वोट बैंक के साथ ही बिरादरी का सहारा है। वहीं बसपा ने सांसद श्याम सिंह यादव पर दांव खेला है। हालांकि श्याम सिंह बाहरी है लेकिन उन्हें कैडर वोट का पूरा समर्थन प्राप्त है। उन्होंने पहले चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब वह मैदान में हैं।
यहां स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां एकतरफा मुकबला है और सपा को ही जीत मिलेगी। लोगों का कहना है कि बीजेपी ने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी चीजों पर कोई काम नहीं किया। उनका कहना है कि मंदिर तो बन गया, लेकिन भविष्य में बच्चों का क्या होगा। इसे लेकर भाजपा कोई प्लान नहीं बता पा रही है। सड़कें टूटी हुई हैं। खेतों में खड़ी फसल आवारा पशु खा रहे हैं महंगाई चरम पर हैं और बीजेपी के पास इन सबका कोई निदान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1990 के बाद हुए आठ चुनावों में यादव और क्षत्रिय के बीच सीधी टक्कर हुई थी और दोनों चार-चार बार सांसद बने। 2009 में बाहुबली धनंजय सिंह ने बसपा का खाता खोला। 2019 में बसपा के श्याम सिंह यादव 50.08 फीसदी वोटबैंक हासिल कर सांसद बने, जबकि भाजपा के केपी सिंह को 42.3 फीसदी वोट मिले थे।
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