लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी और मुस्लिम को लेकर आये कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात नहीं करता है। दरअसल,
राजनीतिक तुष्टिकरण की चरम सीमा को पर करते हुए पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में शामिल करके ये आरक्षण दिया था। इंडी गठबंधन द्वारा देश की कीमत पर राजनीति की जो ये नीति चल रही है, इस होड़ को खारिज और बेनकाब किया जाना चाहिए। ये बातें सीएम योगी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ओबीसी के अधिकारों का हनन कर रही है। इस असंवैधानिक कदम को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलट दिया है। कोर्ट में कहा, यह कार्रवाई संविधान का उल्लंघन है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम योगी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को नजीर बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण देकर कर्नाटक में ओबीसी के अधिकारों पर ऐसा ही हमला किया था और आंध्र प्रदेश में भी इसी तरह का अत्याचार किया था। इन सबका डटकर विरोध किया जाना चाहिए। कोई भी असंवैधानिक अधिनियम जो भारत के विभाजन की नींव रखता हो और भारत को कमजोर करता हो, कतई पारित नहीं किया जाना चाहिए।
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