रामपुर। पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद भी सपा नेता आजम खान और उनके परिवार को जेल से बाहर आने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। सपा प्रमुख आजम खान को डूंगरपुर मामले में सात साल जेल और छजलैट मामले में दो साल जेल की सजा भी सुनाई जा चुकी है, जिसके चलते वह जेल से बाहर नहीं आ सकते हैं।
अब इन मामलों में जमानत मिलने के बाद ही आजम खान का परिवार जेल से बाहर आ पायेगा। सपा नेता आजम खान को उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 18 अक्टूबर 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल की कैद और पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस मामले में कोर्ट सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और उनकी पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा को भी सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से आजम खान सीतापुर, अब्दुल्ला हरदोई और डाॅ. तंजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं। तीनों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सेशन कोर्ट ने 23 जनवरी 2024 को तीनों की अपील खारिज कर दी थी और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।
शुक्रवार को इस मामले में हाईकोर्ट से तीनों को राहत मिल गई, लेकिन अभी किसी की रिहाई नहीं होगी क्योंकि आजम, अब्दुल्ला और तजीन ने अदालत में विचाराधीन कई मामलों में अपनी जमानत तुड़वा ली थी। ऐसे में अब जेल से बाहर आने के लिए उन्हें फिर से जमानत करानी होगी। बता दें कि हाईकोर्ट ने आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तजीन फात्मा की जमानत मंजूर कर ली है। इधर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुकदमे के वादी व रामपुर शहर विधायक आकाश सक्सेना ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में इस फैसले के खिलाफ वे अब सुप्रीम कोर्ट जायेंगे।
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