नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान रेमल ( Cyclone Remal) रविवार शाम तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा। मौसम विभाग ने इस चक्रवात को लेकर चेतावनी जारी की है। यह बंगाल की खाड़ी में मानसून सीजन का पहला चक्रवात होगा। इस चक्रवात के कारण 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के तटीय इलाकों में 26 और 27 मई को भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम मध्य और समीपवर्ती दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र 24 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर खेपुपारा (बांग्लादेश) से लगभग 800 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से 810 किमी दक्षिण में एक तूफान में बदल चुका है। ये तूफ़ान इस समय उत्तर की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, जिसके 26 मई की मध्यरात्रि के आसपास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने के आसार हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक 27 और 28 मई को असम और मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में बारिश की संभावना है। 26 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में बारिश की संभावना है।
समुद्र में न जाने की सलाह
तूफान की आशंका के चलते जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. इसके अलावा, पहले से ही समुद्र में मौजूद मछुआरों को 26 मई तक लौटने की सलाह दी गई थी।
बचाव अभियान के लिए भेजी गई टीमें
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने चक्रवात रेमल से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिया है। समुद्र में जान-माल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए नौ आपदा राहत टीमों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हल्दिया, पारादीप, गोपालपुर और फ्रेजरगंज में 9 आपदा प्रतिक्रिया टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, समुद्र में मौजूद या घूम रहे मछुआरों पर नजर रखने के लिए पूर्वी तट पर 10 जहाज और 2 विमान तैनात हैं।
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