महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के पुणे में युवक-युवती को पोर्शे कार से टक्कर मारने वाले आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल शनिवार को कोर्ट में पेश हुए, जहां से उन्हें 28 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि सरकारी वकील ने सात दिन के लिए पुलिस हिरासत मांगी थी। सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी नाबालिग लड़के के घर के सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की गई है।
सुरेंद्र अग्रवाल के कोर्ट में पेश होने के बाद सरकारी वकील ने चार मामलों का हवाला देते हुए सात दिन की पुलिस हिरासत की मांगी थी। उधर, बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि मुवक्किल की उम्र 77 साल है। इस घटना के बाद लोगों ने उनकी पिटाई की और ड्राइवर को पुलिस के हवाले कर दिया गया। ड्राइवर को अगले दिन रिहा कर दिया गया और ड्राइवर स्वयं अपने परिवार के साथ आया और प्रतिवादी के घर पर रात भर रुका। वह नौकरानी के कमरे में रुका था, उसे बंधक नहीं बनाया गया था।
बचाव पक्ष के वकील ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या दादा, पिता और पोते का एक ही घर में रहना अपराध कहा जाना चाहिए? हालांकि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने सुरेंद्र अग्रवाल को 28 मई तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया। बता दें कि आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल पर ड्राइवर को धमकाने और घर नहीं जाने देने का आरोप है। नाबालिग प्रतिवादी के दादा और पिता पर ड्राइवर का फोन छिनने और उसे 19 व 20 मई को एक बंगले में बंद करने का आरोप है।
गौरतलब है की विगत 19 मई को एक नाबालिग लड़के ने पोर्शे कार से मोटरसाइकिल से जा रहे दो इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। आरोप है कि उस वक्त नाबालिग नशे में था। इस मामले में नाबालिग को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वहीं पिता विशाल अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
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