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1 जून को होगा PM मोदी समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला

The seventh phase of elections will be held on June 1

उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 1 जून को यूपी की 13 सीटों महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और रॉबर्ट्सगंज पर मतदान होगा। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सीएम योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में भी वोट डाले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी चुनाव मैदान में हैं।

PM मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय आमने-सामने 

सातवें चरण के चुनाव में कई दिग्गज मैदान में हैं। इनमें सबसे अहम है यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट, जहां से दो बार सांसद रह चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार मैदान में हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शहर में विकास की गंगा भी बही है। मोदी ने 2019 का चुनाव 2014 की तुलना में बड़े अंतर से जीता था। ऐसे में इस बार 2019 से अधिक वोटों से चुनाव जीतने का लक्ष्य है। इस सीट पर मोदी के सामने कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और बसपा उम्मीदवार अटल जमाल लल्ली मैदान में हैं।

रवि किशन की भी किस्मत होगी EVM में बंद 

वाराणसी और गोरखपुर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार है। बीजेपी ने गोरखपुर से भोजपुरी अभिनेता और मौजूदा सांसद रवि किशन पर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला सपा नेता काजल निषाद से है जबकि बसपा ने जावेद सिमनानी को टिकट दिया है। केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे हैट्रिक लगाने की उम्मीद में चंदौली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला इंडिया गठ्बन्धन से सपा के वीरेंद्र सिंह और बसपा के सत्येन्द्र कुमार मौर्य से है। राबर्ट्सगंज सीट पर भी लड़ाई दिलचस्प है। यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी कोल को टिकट दिया है जबकि सपा ने छोटेलाल खरवार और बसपा ने धनेश्वर गौतम को प्रत्याशी बनाया था।

घोसी में है त्रिकोणीय मुकाबला 

घोसी लोकसभा सीट पर बीजेपी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यहां से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर एनडीए की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। सपा ने राजीव राय पर भरोसा जताया  है जबकि बसपा ने बालकृष्ण चौहान को मैदान में उतारकर ओबीसी मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की है। यहां की लड़ाई त्रिकोणीय है। कुशीनगर लोकसभा सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प होगा। इस बार बीजेपी सांसद विजय दुबे हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं तो इंडिया गठ्बन्धन से अजय प्रताप सिंह मैदान में हैं। इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं।

मिर्ज़ापुर से अनुप्रिया पटेल हैं मैदान में 

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्ज़ापुर से चुनाव लड़ रही हैं। वह लगातार दो बार यहां से सांसद रह चुकी हैं। इस सीट से सपा ने बीजेपी से आये रमेश बिंद को टिकट दिया है। वहीं बीएसपी ने मनीष त्रिपाठी को मैदान में उतारकर दलित-ब्राह्मण समीकरण साधने की कोशिश की है। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने देवरिया लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है। कांग्रेस ने इस सीट से अखिलेश सिंह को टिकट दिया। वहीं बीजेपी से सामाजिक कार्यकर्ता शशांकमणि त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। बसपा ने यहां यादव के चेहरे पर दांव लगाया और संदेश यादव को टिकट दिया है।

मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को सपा ने दिया है टिकट 

सलेमपुर में भाजपा को दो बार के सांसद रवींद्र कुशवाहा पर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला यहां पूर्व सपा सांसद रमाशंकर राजभर से है। बसपा ने भीम राजभर को मैदान में उतारकर राजभर वोटों में सेंध लगाने की कोशिश की है। महराजगंज सीट से भाजपा से छह बार सांसद रहे पंकज चौधरी को, सपा से वीरेंद्र चौधरी को और बसपा से मौसम-ए-आलम को उम्मीदवार बनाया गया है। इधर मुख्तार अंसारी की मौत के बाद ग़ाज़ीपुर सीट पर घमासान मचा हुआ है। इस सीट से सपा ने मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया। अफजाल पिछली बार यहां बसपा के सिंबल पर जीते थे और पांच बार विधायक भी रह चुके हैं जबकि पारसनाथ राय भाजपा से चुनाव मैदान में हैं।

बांसगांव की पूर्व सांसद सुभावती पासवान के बेटे कमलेश पासवान बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में हैं। वह तीन बार संसद सदस्य रह चुके हैं। सपा ने यहां संदल प्रसाद और बसपा ने रामसमूझ सिंह पर भरोसा जताया है।

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