लोकसभा चुनाव में यूपी में ख़राब प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी की समीक्षा बैठक हुई. जहां कई क्षेत्रों में सम्मेलन ख़त्म हो गए हैं. इस बीच एक अखबार ने दावा किया है कि यूपी में बीजेपी 16 सवालों के जवाब तलाश रही है. समीक्षा बैठक में भारतीय जनता पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी भी मौजूद रहे.
लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को महज 33 सीटें मिलीं. उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने केवल एक सीट जीती, आरएलडी ने दो सीटें जीतीं और निषाद पार्टी और सुभासपा ने शून्य सीटें जीतीं. इस बार बीजेपी का यूपी लक्ष्य मिशन 80 का था.
बीजेपी जिन 16 सवालों पर विचार कर रही है, उनके बारे में जानने के लिए यहां पढ़ें।
-घटनास्थल पर पार्टी पदाधिकारी कितने सक्रिय थे?
-क्या केंद्र या राज्य सरकार का फैसला चुनाव में विफलता का कारण था?
-रणनीति में क्या ग़लती थी?
-उम्मीदवारों और लोगों के बीच क्या संबंध थे?
-पार्टी नेताओं के अपनी जाति और समुदाय के लोगों के साथ किस तरह के रिश्ते थे?
-कुछ समुदायों के मतदाता भाजपा से क्यों छिटक गए हैं?
-हिंदू मतदाताओं ने जाति के आधार पर वोट क्यों दिया?
-विज्ञापन सामग्री का उपयोग कितने प्रभावी ढंग से किया गया?
-संगठन और प्रत्याशी के बीच कैसा रहा समन्वय?
-पार्टी के पास क्या संसाधन थे?
-विभिन्न समुदायों के पार्टी नेताओं की बैठकों का क्या प्रभाव पड़ा?
-कैसी थी लीज लाइन?
-संसद में विपक्ष का वोट शेयर कैसे बढ़ा और बीजेपी का वोट शेयर कैसे घटा?
-जेसीपीओए के विरोध ने किस तरह का नैरेटिव तैयार किया है?
-विपक्ष ने उम्मीदवारों के लिए क्या रणनीति अपनाई और उन्होंने स्थानीय लोगों से कैसे संवाद किया?
-संवैधानिक और आरक्षण के मुद्दों का चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसके अलावा बीजेपी ने अयोध्या और अमेठी की सीटों पर भी विचार किया है. फैजाबाद लोकसभा सीट हारना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठापूर्ण मुद्दा बन गया है. समूह अमती की विफलता से भी चिंतित है। इन दोनों सीटों पर विचार की जिम्मेदारी खुद भूपेन्द्र चौधरी की है.
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