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प्रधानमंत्री मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी की फोटो शेयर करते हुए कहा, ”शिक्षा के लिए आज का दिन बहुत खास है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (19 जून) को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूत शामिल होंगे. प्रधानमंत्री सुबह 10:30 बजे यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करेंगे. विश्वविद्यालय खुलने से बिहार को भी अपनी खोयी हुई विरासत वापस मिल जायेगी.

उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, “आज हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक विशेष दिन है।” राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर आज सुबह करीब 10:30 बजे खुलेगा. नालंदा हमारे गौरवशाली इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है।” पीएम मोदी द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में नालंदा यूनिवर्सिटी के गेट और उसके कैंपस को देखा जा सकता है.

It’s a very special day for our education sector. At around 10:30 AM today, the new campus of the Nalanda University would be inaugurated at Rajgir. Nalanda has a strong connect with our glorious past. This university will surely go a long way in catering to the educational needs… pic.twitter.com/sJh6cndEve

— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2024

 

नालन्दा विश्वविद्यालय प्राचीन खंडहरों के निकट स्थित है

बिहार में नालन्दा विश्वविद्यालय का नया परिसर नालन्दा खंडहरों के पास स्थित है। विश्वविद्यालय की स्थापना 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई थी। इस कानून का उद्देश्य 2007 में फिलीपींस में दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विश्वविद्यालय स्थापित करने के निर्णय को लागू करना है। बिहार और देश भर के छात्रों को इस विश्वविद्यालय में अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन करने का अवसर मिलता है।

12वीं शताब्दी में नालन्दा विश्वविद्यालय नष्ट हो गया

बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवी शताब्दी में हुई थी। तब दुनिया भर से लोग यहां अध्ययन करने आते थे। इस विश्वविद्यालय की पूरी दुनिया में पहचान थी और इसे इस क्षेत्र का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता था। विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था। इससे पहले यह 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा और एक शैक्षिक केंद्र बना रहा। ऐसे में नये विश्वविद्यालय के जरिये बिहार का गौरव फिर से वापस आयेगा.

विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ।

दरअसल, नए विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी परिसर में पढ़ाना शुरू किया। यूनिवर्सिटी का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था। भारत के अलावा 17 देश भी इस यूनिवर्सिटी के भागीदार हैं। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों ने विश्वविद्यालय को समर्थन देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

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