बर्खास्तगी की संस्तुति के बाद यूपी पुलिस में अभी भी कार्यरत है लुटेरा पुलिस वाला?
मड़ियांव समेत लखनऊ के कई तैनाती वाले थानों में दर्ज हैं मुकदमे
थानों को ही बनाता था लूट व रंगदारी अड्डा?
लखनऊ। मर्डर 2 पार्ट हिंसा में धनउगाही का नाम आते ही अपराधियों का नाम सभी के दिमाग में आता है लेकिन हम बात कर रहे हैं यूपी पुलिस के मौजूदा एक लुटेरे पुलिस वाले की इसके कारनामे ऐसे हैं कि पुलिस महकमें की छवि अपराधियों से कम नहीं आंकी जा रही है।
विगत कुछ समय पहले राजधानी के मडियाव थाने में तैनात सिपाही अनिल सिंह ने इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर को रोका और खुद को एसटीएफ का सिपाही बताकर 19 हजार लूट लिए और प्रॉपर्टी डीलर को थाने के पीछे वाले गेट में बंधक बनाकर ₹50 हजार की डिमांड कर दी।
बता दे जब आरोपी पुलिसकर्मियो के राज का खुलासा हुआ तब अनिल सिंह को उसके साथियों के साथ निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई ।इससे पहले वजीरगंज में तैनाती के दौरान अनिल सिंह एक प्रॉपर्टी डीलर से वसूली कर चुका है। जिसकी जानकारी पुलिस अफसर को मिली तो जांच के दौरान उसे लाइन हाजिर किया गया । उसके बाद इसकी तैनाती मड़ियांव थाने में कर दी गई। इस दौरान आईपीएस प्राची सिग्नल ने अनिल सिंह को प्रकाश की बर्खास्तगी की संस्तुति कर दी थी लेकिन किसी तरह बचकर कासगंज- एटा में कार्यरत है तथा अभी वर्तमान में अयोध्या में ड्यूटी पर तैनात है ।
कौन है यह लुटेरा पुलिस वाला?
दरअसल अनिल सिंह पेशे से यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात है और उसका एक गैंग है। गैंग में कुछ फर्जी अधिवक्ता भी है जो बंदी न्यायालय के जमानत आदेश पर बाहर आते हैं। उनको वह उनसे संबंधित लोगों को वसूली के उद्देश्य को टच आईटी दस्तावेजों वह फर्जी शिकायत तो के माध्यम से वसूली का काम किया जाता है । दरअसल फर्जी मामले बनाकर प्रार्थना पत्र थानों में डलवा कर ऐसे लोगों से वसूली की जाती है। इस तरह लखनऊ के तैनाती के दौरान हवालात में बंधिया को पैसे लेकर उन्हें सहूलियत देता था और बाद में उनके परिजनों को जबरदस्त तरीके से ब्लैकमेल करता था ।
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